डड़कटवा के विरासत जब सावन आवेला त रोपनी आ खेती जमक जाले , लोग भोरही फरसा (फावड़ा) लेके खेत के हजामत बनावे चल दे ला , ओहमें कुछ लोग स्वभाव से नीच आ हजामत में उच्च कोटि के होला ओहके डड़कटवा (खेत का मेड़ काट कर खेत बढाने की नाजायज चेष्टा रखने वाला व्यक्ति )के नाम से जानल जाला .. डड़कटवा हर गांव में लगभग हर घर में पावल जाले , डड़कटवा किस्म के लोग कई पुहुत (पुश्त) तक एह कला के बिसरे ना देलन , कारण इ होला की उनकर उत्थान -पतन ओही एक फीट जमीन में फंसल रहेला , डड़कटवा लोग एह कला के सहेज (संरक्षित ) करे में सगरो जिनिगी खपा देलें आ आवे वाली अपनी अगली पीढ़ी के भी जाने अनजाने में सीखा देबेलें , डड़कटवा के डाड़ (खेत का मेड़) काट के जेवन विजय के अनुभूति होखे ले , ठीक ओइसने जेइसन पढ़ाकू लइका के केवनो परीक्षा के परिणाम आवे पर पास होइला पर खुशी होखे ले | कुल मिला के जीवन भर डाड़ काट के ओह व्यक्ति की नीचता के संजीवनी मिलेले आ ओकर आत्मा तृप्त हो जाले बाकी ओके भ्रम रहेला की खेत बढ़ गईल , काहे की ,एकगो कहाउत कहल जाले की...
मिशन शक्ति के फेज 3 में नारी सशक्तिकरण के उन्नयन में सरकार की मन्शा अनुरूप विभिन्न सरकारी और गैरसरकारी संस्थानों ने अपने - अपने स्तर से मिशन शक्ति फेज 3 के विभिन्न प्रतीकात्मक व वास्तविक आयोजन सम्पन्न किए गए | मिशन शक्ति फेज- 1 व मिशन शक्ति फेज 2 की भरपूर सफलता के बाद, सरकार की प्राथमिकता में रह रहे नारी सशक्तिकरण के क्रम में मिशन शक्ति फेज 3 के आयोजन स्वरूप कम्पोजिट विद्यालय खेमईबरी , जमालपुर मीरजापुर में कक्षा 8 की छात्रा रेनू पटेल जिसके पिता किसान हैं | को एक दिन का सांकेतिक प्रधानाध्यापक बनाया | रेनू पटेल ने छात्र / छात्राओं की समस्याएं सुनीं तथा अपने समाधान कौशल से शिक्षकों व अपने सहपाठियों को संतुष्ट किया |इस अवसर पर विद्यालय के सभी विद्यार्थी शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी व प्रधानाध्यापक स्वामी नित्यानंद उपस्थित रहे | मिशन शक्ति फेज 3 की सफलता नारी सशक्तिकरण के उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा || नारी सुरक्षा और सम्मान, मिशन शक्ति