स्कूल" स्कूलों का मर्जर : वंचितों से छीनी जा रही है शिक्षा की आखिरी उम्मीद — एक सामाजिक, शैक्षिक और नैतिक समीक्षा "शिक्षा एक शस्त्र है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं" — नेल्सन मंडेला। लेकिन क्या हो जब वह शस्त्र वंचितों के हाथ से छीन लिया जाए? उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) की नीति न केवल शिक्षा का ढांचा बदल रही है, बल्कि उन बच्चों की उम्मीदों को भी कुचल रही है जिनके पास स्कूल ही एकमात्र रोशनी की किरण था। 1. मर्जर की वजहें – प्रशासनिक या जनविरोधी? amazon क्लिक करे और खरीदें सरकार यह कहती है कि बच्चों की कम संख्या वाले विद्यालयों का विलय करना व्यावसायिक और प्रशासनिक दृष्टि से उचित है। पर यह सवाल अनुत्तरित है कि – क्या विद्यालय में छात्र कम इसलिए हैं क्योंकि बच्चों की संख्या कम है, या इसलिए क्योंकि व्यवस्थाएं और भरोसा दोनों टूट चुके हैं? शिक्षक अनुपात, अधूरी भर्तियाँ, स्कूलों की बदहाली और गैर-शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की नियुक्ति — क्या यह स्वयं सरकार की नीति की विफलता नहीं है? 2. गांवों के बच्चों के लिए स्कूल ...
मिशन शक्ति के फेज 3 में नारी सशक्तिकरण के उन्नयन में सरकार की मन्शा अनुरूप विभिन्न सरकारी और गैरसरकारी संस्थानों ने अपने - अपने स्तर से मिशन शक्ति फेज 3 के विभिन्न प्रतीकात्मक व वास्तविक आयोजन सम्पन्न किए गए | मिशन शक्ति फेज- 1 व मिशन शक्ति फेज 2 की भरपूर सफलता के बाद, सरकार की प्राथमिकता में रह रहे नारी सशक्तिकरण के क्रम में मिशन शक्ति फेज 3 के आयोजन स्वरूप कम्पोजिट विद्यालय खेमईबरी , जमालपुर मीरजापुर में कक्षा 8 की छात्रा रेनू पटेल जिसके पिता किसान हैं | को एक दिन का सांकेतिक प्रधानाध्यापक बनाया | रेनू पटेल ने छात्र / छात्राओं की समस्याएं सुनीं तथा अपने समाधान कौशल से शिक्षकों व अपने सहपाठियों को संतुष्ट किया |इस अवसर पर विद्यालय के सभी विद्यार्थी शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी व प्रधानाध्यापक स्वामी नित्यानंद उपस्थित रहे | मिशन शक्ति फेज 3 की सफलता नारी सशक्तिकरण के उन्नयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा || नारी सुरक्षा और सम्मान, मिशन शक्ति