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डड़कटवा के विरासत

 डड़कटवा के विरासत जब सावन आवेला त रोपनी आ खेती जमक जाले , लोग भोरही फरसा (फावड़ा) लेके खेत के हजामत बनावे चल दे ला , ओहमें कुछ लोग स्वभाव से नीच आ हजामत में उच्च कोटि के होला ओहके डड़कटवा (खेत का मेड़ काट कर खेत बढाने की नाजायज चेष्टा रखने वाला व्यक्ति )के नाम  से जानल जाला .. डड़कटवा हर गांव में  लगभग हर घर में  पावल जाले , डड़कटवा किस्म के लोग कई पुहुत (पुश्त) तक एह कला के बिसरे ना देलन  , कारण इ होला की उनकर उत्थान -पतन ओही एक फीट जमीन में  फंसल  रहेला  , डड़कटवा लोग एह कला के सहेज (संरक्षित ) करे में सगरो जिनिगी खपा देलें आ आवे वाली अपनी अगली पीढ़ी के भी जाने अनजाने में सीखा देबेलें , डड़कटवा के  डाड़ (खेत का मेड़) काट के जेवन विजय के अनुभूति होखे ले , ठीक ओइसने जेइसन  पढ़ाकू लइका के केवनो परीक्षा के परिणाम आवे पर पास होइला पर खुशी होखे ले |       कुल मिला के जीवन भर डाड़ काट के ओह व्यक्ति की नीचता के संजीवनी  मिलेले आ ओकर आत्मा तृप्त हो जाले बाकी ओके भ्रम रहेला की खेत बढ़ गईल , काहे की ,एकगो कहाउत कहल जाले की...

नारी शक्ति वंदन न लागू होने वाला विधेयक एक छद्म बिल

    This Image is Women reservation  .           Union Law Minister Sir Arjun Ram Meghwal  ANI नारी शक्ति वंदन  विधेयक एक पोस्ट डेटेड बिल - Women reservation Bill (महिला आरक्षण अधिनियम ) की राह आसान नहीं है, नारी शक्ति वंदन अधिनियम, नारी शक्ति वंदन कम ,नारी शक्ति वंचन अधिनियम  अधिक है -  नारी शक्ति वंदन अधिनियम - वर्तमान सरकार ने बुलाए गए संसद क विशेष सत्र में  निस्संदेह दो ऐतिहासिक कार्य किए पहला  भारत की प्रगति तथा समृध्दि व राजनैतिक परिपक्वता का साक्षी अब पुरातन संसद भवन का परित्याग कर  वैभवशाली व विकास के प्रतीक और गरिमामई  नवीन संसद भवन में प्रवेश करने का यह वर्तमान अयास इतिहास में दर्ज हुआ | दूसरा नारी शक्ति वंदन अधिनियम को टेबल करना सरकार का साहसिक और  वंदनीय कदम है |   Women reservation Bill (महिला आरक्षण अधिनियम ) बनाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम - इस आधिनियम को ऐतिहासिक कहने से पहले हमें इतिहास में झांकना होगा स्वतंत्रता के पश्चात से ही महिलाओं को शासन में विशेष आरक्षण के तहत हिस्सेदार ब...

मुलायम के कठोर फैसले और चरखा दांव

 यूं नहीं हो गये मुलायम सिंह  से नेता जी.. images sources  internet धरतीपुत्र और नेता जी के नाम से विख्यात रहे , मुलायम सिंह  यादव इस धरती पर नहीं रहे.  लेकिन भारत की राजनीति पर मुलायम के कठोर फ़ैसलों की अमिट छाप लंबे समय तक रही. नेता जी ने अपने लंबे राजनैतिक  जीवन में कई कठोर फ़ैसले लिए जिनके लिए उन्हे याद रखा जाएगा ... अपने जवानी के दिनों में कुश्ती केशौकीन नेता जी सक्रिय राजनीतिक में आने से पूर्व अध्यापक  हुआ करते थे | images sources  internet  समाजवादी विचारक राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रभावित रहे,  नेता जी ने अपने राजनैतिक  सफ़र में पिछड़े तथा अल्पसंख्यक समुदाय के भलाई का नेतृत्व  कर अपनी उर्वरा   राजनैतिक  भूमि तैयार की. नेता जी ने राजनैतिक  रूप से बेहद उर्वरा और उम्दा माने जाने वाले  उत्तर प्रदेश में सन् 1967 में सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रुप में   सबसे कम उम्र के विधायक बनकर दमदार तरीक़े से अपने राजनैतिक  करियर का शुभारम्भ किया . उसके बाद नेता जी के राजनैतिक  सफर म...

जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में खूब चला धनबल वीजेपी का दबदबा

जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में खूब चला धनबल वीजेपी का दबदबा आइये जाने कौन बैठा प्रथम नागरिक की कुर्सी पर...  प्रदेश के 75 जिलों में जिन 22 जिलों में निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं, उनमें 21 भाजपा के जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। इटावा में समाजवादी पार्टी ने अपना गढ़ बचाने में सफलता प्राप्त की है। 29 जून को नाम वापसी की अवधि गुजरते ही सभी के चुने जाने की घोषणा कर दी गई। निर्विरोध चुने गए अध्यक्षों में जहां 21 भाजपा के हैं वहीं एक मात्र इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी ही सपा के हाथ लगी है। 1- मैनपुरी:  समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र मैनपुरी में भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जीता। यहां पर भाजपा की अर्चना भदौरिया जिला पंचायत अध्यक्ष बनी हैं। 2- रायबरेली:  कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में भाजपा प्रत्याशी रंजना चौधरी ने जीत दर्ज की है। रंजना ने 30 मत पाकर कांग्रेस की आरती सिंह को हराया है। कांग्रेस प्रत्याशी आरती सिंह को 22 मत मिले हैं। 3- रामपुर :  रामपुर में आजम खान का किला भी ध्वस्त...