शिक्षक और परिवर्तन की मिशाल शिक्षक को परिवर्तन के लिए जाना जाता है। समाज में महत्वपूर्ण परिवर्तन तथा सुधारों के प्रतीक हैं, शिक्षक | अब उन शिक्षकों को एक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करनी है , जिनकी सेवा 6 अथवा 8 वर्ष है , हां उन्हें पास करना भी चाहिए क्योंकि वे राष्ट्र निर्माण की नर्सरी तैयार कर रहे हैं। परन्तु क्या ऐसी परीक्षा जिसमें पिता और पुत्र एक साथ बैठ कर परीक्षा दें | उसके लिए अतिरिक्त समय , तैयारी और पुनः समायोजित तैयारी की जरुरत होगी | सरकारी शिक्षकों का दायित्व एक सरकारी शिक्षक को , बाल गणना , जनगणना , मकान गणना , बाढ़ नियंत्रण, बी एलओ, सफाई , एमडीएमए ,चुनाव और भी बहुत कुछ तब जा कर मूल दायित्व बच्चों को गढ़ कर नागरिक बनाना | मुर्गे की कहानी और शिक्षक जो समस्याएं आती हैं उनकी पटकथा और पृष्ठभूमि होती है। अनायास एक दिन में समस्याएं नहीं आ जाती. .. एक लोक कथा याद आ गई. . एक शानदार मुर्गा था कलंगीदार मस्तक , चमकीले पंख , चमकदार आंखे , मांसल पैर और वजनदार शरीर अर्...
गांव की माटी आज मेरे गांव की माटी को लगा , मैं शहर में हूँ , उसे कैसे बताऊं , मैं सफर में हूँ , दिन तो कट जाता है, रोटी के जुगाड़ में, रात हंसती है , मैं बसर में हूं, जब से छूटी है नीम की छांव, आज यहां - कल वहां , किस कदर में हूं, छत तो नसीब है यहां भी , पर अरसे से पता नहीं, किसके घर में हूँ, स्थिर हो न सका आज तक, जैसे लगता है, अब भी मैं डगर में हूँ, रहगुजर तो मिले राह में, पर आज भी रहजनी के डर में हूं, अमराई ने हंसते हुए दिलासा दिया. लगाए गए हर शाख -शजर में हूँ, मां के कलेजे पिता की नजर में हूं , कुनबे के ढूंढते हर शख्श के नजर पे हूँ, महकती हर हवा की लहर में हूं, चहकती चिड़िया और ताल - तलैया ने जब पुकारा मुझे , अब लगा मैं घर में हूँ || ✍️viranjay