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स्कूलों का मर्जर वंचितों से शिक्षा की आखिरी उम्मीद छिनने की कवायद

   स्कूल"  स्कूलों  का मर्जर : वंचितों से छीनी जा रही है शिक्षा की आखिरी उम्मीद — एक सामाजिक, शैक्षिक और नैतिक समीक्षा  "शिक्षा एक शस्त्र है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं" — नेल्सन मंडेला। लेकिन क्या हो जब वह शस्त्र वंचितों के हाथ से छीन लिया जाए? उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) की नीति न केवल शिक्षा का ढांचा बदल रही है, बल्कि उन बच्चों की उम्मीदों को भी कुचल रही है जिनके पास स्कूल ही एकमात्र रोशनी की किरण था। 1. मर्जर की वजहें – प्रशासनिक या जनविरोधी? amazon क्लिक करे और खरीदें सरकार यह कहती है कि बच्चों की कम संख्या वाले विद्यालयों का विलय करना व्यावसायिक और प्रशासनिक दृष्टि से उचित है। पर यह सवाल अनुत्तरित है कि – क्या विद्यालय में छात्र कम इसलिए हैं क्योंकि बच्चों की संख्या कम है, या इसलिए क्योंकि व्यवस्थाएं और भरोसा दोनों टूट चुके हैं? शिक्षक अनुपात, अधूरी भर्तियाँ, स्कूलों की बदहाली और गैर-शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की नियुक्ति — क्या यह स्वयं सरकार की नीति की विफलता नहीं है? 2. गांवों के बच्चों के लिए स्कूल ...

सपा महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव की ७२ वीं जन्मतिथि के अवसर पर पहुंचेगी, शामिल होंगे शिवपाल एवं मुलायम सिंह यादव

सपा महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव की ७२ वीं जन्मतिथि के अवसर पर पहुंचेगी, शामिल होंगे शिवपाल एवं मुलायम सिंह यादव


विधानसभा चुनाव से पहले सूबे के सबसे बड़े सियासी परिवार में मची घमासान को दूर करने  आसार। 29 जून को शिकोहाबाद के रामलीला मैदान पर एकजुटता नजर आएगी। धरती पुत्र मुलायम सिंह के साथ-साथ शिवपाल यादव और परिवार के सभी सदस्य प्रो. रामगोपाल यादव के 72 वें जन्मदिन के आयोजन में शामिल होंगे। इस दिन पूरे देश को परिवार की एकजुटता का संदेश दिया जाएगा। और भारत की राजनीति को दिशा।

उप्र में फीरोजाबाद को सपा का गढ़ माना जाता रहा है। शैक्षिक कैरियर बनाकर शिक्षक बनने से लेकर विस चुनाव में शिकोहाबाद मुलायम सिंह की राजनैतिक जमीन बना। 1993 में शिकोहाबाद से मुलायम सिंह यादव ने विस चुनाव जीता और मुख्यमंत्री बने। वहीं अखिलेश यादव पहली बार यहीं से सांसद बने। उसके बाद प्रो. रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव 2014 में भाजपा की लहर को तोड़ते हुए सांसद बने।

2017 विधानसभा चुनाव के ऐन पहले सपा में पारिवारिक कलह शुरू हुई। जो बिखराव तक पहुंची। उस वक्त प्रो. यादव और अखिलेश यादव के समर्थन में फीरोजाबाद के सपाई एकजुट हुए थे। इसके बाद चले सियासी दौर में रिश्तेदार तक बाहर कर दिए गए। परिवार के रिश्तों में जमीं बर्फ पिछले कुछ महीनों से पिघलने लगी थी। पिछले महीने प्रो. रामगोपाल के पोते के जन्मदिन में शिवपाल यादव पूरे परिवार के साथ शामिल हुए थे।

इसके बाद प्रो. रामगोपाल यादव के जन्मदिन के आयोजन की भूमिका बनाई गई। शिकोहाबाद के रामलीला मैदान में हो रहे आयोजन को परिवार की एकजुटता दिखाने का माध्यम बनाया गया। पार्टी सूत्रों के मुताबिक आमंत्रण पहुंचते ही मुलायम सिंह और शिवपाल सिंह यादव ने आने की स्वीकृति दे दी है। आयोजकों के मुताबिक दोनों नेता 28 जून को सैफई पहुंचेंगे और 29 की सुबह वहां से शिकोहाबाद आएंगे। 

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