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स्कूलों का मर्जर वंचितों से शिक्षा की आखिरी उम्मीद छिनने की कवायद

   स्कूल"  स्कूलों  का मर्जर : वंचितों से छीनी जा रही है शिक्षा की आखिरी उम्मीद — एक सामाजिक, शैक्षिक और नैतिक समीक्षा  "शिक्षा एक शस्त्र है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं" — नेल्सन मंडेला। लेकिन क्या हो जब वह शस्त्र वंचितों के हाथ से छीन लिया जाए? उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) की नीति न केवल शिक्षा का ढांचा बदल रही है, बल्कि उन बच्चों की उम्मीदों को भी कुचल रही है जिनके पास स्कूल ही एकमात्र रोशनी की किरण था। 1. मर्जर की वजहें – प्रशासनिक या जनविरोधी? amazon क्लिक करे और खरीदें सरकार यह कहती है कि बच्चों की कम संख्या वाले विद्यालयों का विलय करना व्यावसायिक और प्रशासनिक दृष्टि से उचित है। पर यह सवाल अनुत्तरित है कि – क्या विद्यालय में छात्र कम इसलिए हैं क्योंकि बच्चों की संख्या कम है, या इसलिए क्योंकि व्यवस्थाएं और भरोसा दोनों टूट चुके हैं? शिक्षक अनुपात, अधूरी भर्तियाँ, स्कूलों की बदहाली और गैर-शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की नियुक्ति — क्या यह स्वयं सरकार की नीति की विफलता नहीं है? 2. गांवों के बच्चों के लिए स्कूल ...

चिल्लाने लगा "मैं हूँ विकास दुबे कानपुर वाला

   चिल्लाने लगा "मैं हूँ विकास दुबे कानपुर वाला


कानपुर देहात, चौबेपुर थाना क्षेत्र में दो -तीन जुलाई की रात आतंकी विकास दुबे की गोली से दस जांबाज पुलिस वाले शहीद हो गये थे, उसी दिन से उत्तर प्रदेश पुलिस उसकी तालाश में सौ से अधिक टीम बना कर चक्रमण कर रही थी, एसटीएफ अपने तरफ से ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां कर रही थी, पहले शिवली में होने की खबर फिर फरीदाबाद और दिल्ली, आज तड़के 07.45 बजे उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने पहुंचे शख्स को देखकर जब पुलिस वालों को शक हुआ तो उन्होंने पूछताछ शुरू की तो वह चिल्लाने लगा "मैं ही   हूँ विकास दुब  तब मध्यप्रदेश हरकत में आइ और गिरफ्तार कर ली, 
आज सुबह सात बजकर पैंतालीस मिनट पर उत्तर प्रदेश का सबसे चर्चित और सबसे ज्यादा इनाम राशि घोषित किया गया  आतंकी विकास दुबे पुलिस की आंख में धुल झोंकता  पहुँच गया महाकाल की शरण में,  और उसने लगभग साठ सीसीटीवी कैमरे और बहुसंख्य सुरक्षाकर्मियों के बीच दर्शन करने पहुँच गया और दो सौ पचास रुपये की रसीद कटाकर आमजन की तरह लाईन में लग गया दर्शन के लिए तब तक गिरफ्तार कर लिया गया! 
 इसकी सूचना मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी श्री आदित्यनाथ को दी तथा मध्यप्रदेश पुलिस की बड़ी कामयाबी बताई, 
अब सूचना पाते ही उत्तर प्रदेश पुलिस उसको रिमांड पर लेने उज्जैन रवाना हो गई! 
अब प्रश्न यह उठता है कि पुलिस की इतनी निगरानी के बीच यह उज्जैन कैसे पहुँच गया,? 
वहाँ पहुंचने पर पुलिस ने गिरफ्तार किया अथवा वह योजना के तहत गिरफ्तार हुआ? 
अभी खुलासा बाकी है..... 



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उ कहाँ गइल

!!उ कहाँ गइल!!  रारा रैया कहाँ गइल,  हउ देशी गैया कहाँ गइल,  चकवा - चकइया कहाँ गइल,         ओका - बोका कहाँ गइल,        उ तीन तड़ोका कहाँ गइल चिक्का  , खोखो कहाँ गइल,   हउ गुल्ली डण्डा कहाँ गइल,  उ नरकट- कण्डा कहाँ गइल,           गुच्ची- गच्चा कहाँ गइल,           छुपा - छुपाई कहाँ गइल,   मइया- माई  कहाँ गइल,  धुधुका , गुल्लक कहाँ गइल,  मिलल, भेंटाइल  कहाँ गइल,       कान्ह - भेड़इया कहाँ गइल,       ओल्हापाती कहाँ गइल,  घुघुआ माना कहाँ  गइल,  उ चंदा मामा कहाँ  गइल,      पटरी क चुमउवल कहाँ गइल,      दुधिया क बोलउल कहाँ गइल,   गदहा चढ़वइया कहाँ गइल,   उ घोड़ कुदइया कहाँ गइल!!                  Copy@viranjy

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