डड़कटवा के विरासत जब सावन आवेला त रोपनी आ खेती जमक जाले , लोग भोरही फरसा (फावड़ा) लेके खेत के हजामत बनावे चल दे ला , ओहमें कुछ लोग स्वभाव से नीच आ हजामत में उच्च कोटि के होला ओहके डड़कटवा (खेत का मेड़ काट कर खेत बढाने की नाजायज चेष्टा रखने वाला व्यक्ति )के नाम से जानल जाला .. डड़कटवा हर गांव में लगभग हर घर में पावल जाले , डड़कटवा किस्म के लोग कई पुहुत (पुश्त) तक एह कला के बिसरे ना देलन , कारण इ होला की उनकर उत्थान -पतन ओही एक फीट जमीन में फंसल रहेला , डड़कटवा लोग एह कला के सहेज (संरक्षित ) करे में सगरो जिनिगी खपा देलें आ आवे वाली अपनी अगली पीढ़ी के भी जाने अनजाने में सीखा देबेलें , डड़कटवा के डाड़ (खेत का मेड़) काट के जेवन विजय के अनुभूति होखे ले , ठीक ओइसने जेइसन पढ़ाकू लइका के केवनो परीक्षा के परिणाम आवे पर पास होइला पर खुशी होखे ले | कुल मिला के जीवन भर डाड़ काट के ओह व्यक्ति की नीचता के संजीवनी मिलेले आ ओकर आत्मा तृप्त हो जाले बाकी ओके भ्रम रहेला की खेत बढ़ गईल , काहे की ,एकगो कहाउत कहल जाले की...
उच्च शिक्षा आयोग बनाकर UGC समाप्त करने के लिए सरकार ने कसी कमर
फर्जी विश्वविद्यालयों पर लगाम लगाने के लिए व उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के उन्नयन के लिए उठाया जाएगा यह कदम। इसके तहत यूजीसी नाम की संस्था अब खत्म हो जाएगी। इसकी जगह एचईसीआई (हायर एजुकेशन कमीशन आफ इंडिया) लेगा। लेकिन इसके पास विश्वविद्यालयों और कालेजों को वित्तीय मदद देने का अधिकार अब नहीं होगा। अब यह अधिकार सीधे मंत्रालय के पास होगा।
नए एक्ट के तहत एचईसीआई के पास फर्जी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में फर्जी डिग्री बांट रहे संस्थानों के खिलाफ सीधी कार्रवाई और मान्यता रद करने तक का अधिकार होगा। साथ ही अनियमितता बरतने वालों के खिलाफ जुर्माना और तीन साल की सजा का भी अधिकार होगा। वहीं नए एक्ट के तहत सभी विवि के लिए एक ही आयोग होगा। इनमें केंद्रीय विवि, राज्य विवि, निजी विवि, डीम्ड विवि आएंगे। जिनके लिए वह नियम और दिशा-निर्देश तय कर सकेंगे।
अभी निजी और डीम्ड जैसे विश्वविद्यालयों के लिए नियम मंत्रालय से तय होते है। इसके साथ ही एचईसीआई के दायरे में ऑनलाइन रेगुलेशन, नैक को मजबूती देने, विवि और कालेजों को स्वायत्ता, स्वयं पोर्टल सहित ओपन लर्निग रेगुलेशन आदि तय करने का भी काम होगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर इस बदलाव पर खुशी जताई और कहा कि इससे उच्च शिक्षा में चल रहे इंस्पेक्टर राज का भी खात्मा होगा। मौजूदा समय में मंत्रालय के पास विवि और कालेजों को ज्यादा ग्रांट देने और निरीक्षण के नाम पर भ्रष्टाचार से जुड़े मामले भी सामने आते रहे है। यही वजह है कि नए बदलाव के बाद गठित होने वाले एचईसीआई के पास वित्तीय अधिकार नहीं होगा। उसका फोकस सिर्फ विश्वविद्यालयों के पठन-पाठन और शोध क्षेत्र में किए जा रहे उसके काम-काज को लेकर रहेगा। इसके अलावा मान्यता जैसे विषयों का निराकरण ऑनलाइन किया जाएगा। इसके लिए एचईसीआई के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।
अनुमान के अनुसार ऐसी होनी है प्लानिंग।
नए एक्ट के तहत गठित होने वाले एचईसीआई में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन के अलावा अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े 12 सदस्य भी होंगे। इसके साथ ही आयोग का एक सचिव भी होगा, जो सदस्य सचिव के रुप में काम करेगा। इन सभी की नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी। चेयरमैन का चयन कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित एक चार सदस्यीय सर्च कमेटी करेगी। इनमें उच्च शिक्षा सचिव भी बतौर सदस्य शामिल होंगे।
नए एक्ट के तहत गठित होने वाले एचईसीआई में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन के अलावा अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े 12 सदस्य भी होंगे। इसके साथ ही आयोग का एक सचिव भी होगा, जो सदस्य सचिव के रुप में काम करेगा। इन सभी की नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी। चेयरमैन का चयन कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में गठित एक चार सदस्यीय सर्च कमेटी करेगी। इनमें उच्च शिक्षा सचिव भी बतौर सदस्य शामिल होंगे।
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