बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर और वर्तमान भारतीय समाज बाबा साहब समाज में सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों के सबसे बड़े पुरोधा माने जाते हैं। उनका जीवन संघर्ष व दलितों के अधिकारों के लिए समर्पण और भारतीय संविधान में उनके योगदान ने उन्हें सामाजिक क्रांति का सिम्बल बना दिया है। वर्तमान भारतीय राजनीति में उनका नाम अक्सर उद्धृत किया जाता है, परन्तु क्या आज की राजनीति उनके विचारों के अनुरूप चल रही है? क्या जातिवाद अब भी भारतीय समाज की जड़ में है? आइए इस पर एक स्वस्थ विमर्श करें. .. 1. बाबा साहब अम्बेडकर के विचार और उनका महत्त्व जाति व्यवस्था पर उनका दृष्टिकोण 'एनिहिलेशन ऑफ कास्ट' का विश्लेषण भारतीय संविधान में सामाजिक समानता का समावेश आरक्षण नीति की अवधारणा 2. वर्तमान भारतीय राजनीति में अम्बेडकर के विचारों की प्रासंगिकता राजनीतिक दलों द्वारा अम्बेडकर का प्रतीकात्मक प्रयोग सामाजिक न्याय बनाम चुनावी राजनीति आरक्षण की राजनीति और उसका दुरुपयोग दलित नेतृत्व का उदय और उसकी सीमाएँ 3. जातिवाद: आज भी जीवित और प्रबल आधुनिक भारत में जातिवाद के नए रूप शिक्षा, नौकरियों और न्याय व्यवस्था ...
प्रधानाध्यापक ने मुख्यमंत्री से मांगा सोलर पैनल एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक की स्कूल के प्रति दिवानगी कुछ ऐसी है कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी को पत्र लिखकर मांग लिया सोलर पैनल | एक स्कूल ऐसा भी उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जनपद के जमालपुर विकास खण्ड अन्तर्गत डोमरी ग्रामसभा में स्थित सरकारी स्कूल प्राथमिक विद्यालय डोमरी के प्रधानाध्यापक प्रभाकर सिंह पटेल ने गर्मी में सूख रहे पौधों व बिजली की स्थिति को देखकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर लिखा पत्र और मांगा समुचित क्षमता का सोलर पैनल | आज जब लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के बारे में सोच रहे हैं तब इस प्रधानाध्यापक ने एक नजीर पेश की है | अब गेंद अधिकारियों के पाले में है || मुख्यमंत्री को लिखा पत्र सम्बोधन में लिखा बच्चों और पौधों को सूखने से बचाने के लिए मांग लिया सोलर एनर्जी प्लांट