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स्कूलों का मर्जर वंचितों से शिक्षा की आखिरी उम्मीद छिनने की कवायद

   स्कूल"  स्कूलों  का मर्जर : वंचितों से छीनी जा रही है शिक्षा की आखिरी उम्मीद — एक सामाजिक, शैक्षिक और नैतिक समीक्षा  "शिक्षा एक शस्त्र है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं" — नेल्सन मंडेला। लेकिन क्या हो जब वह शस्त्र वंचितों के हाथ से छीन लिया जाए? उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) की नीति न केवल शिक्षा का ढांचा बदल रही है, बल्कि उन बच्चों की उम्मीदों को भी कुचल रही है जिनके पास स्कूल ही एकमात्र रोशनी की किरण था। 1. मर्जर की वजहें – प्रशासनिक या जनविरोधी? amazon क्लिक करे और खरीदें सरकार यह कहती है कि बच्चों की कम संख्या वाले विद्यालयों का विलय करना व्यावसायिक और प्रशासनिक दृष्टि से उचित है। पर यह सवाल अनुत्तरित है कि – क्या विद्यालय में छात्र कम इसलिए हैं क्योंकि बच्चों की संख्या कम है, या इसलिए क्योंकि व्यवस्थाएं और भरोसा दोनों टूट चुके हैं? शिक्षक अनुपात, अधूरी भर्तियाँ, स्कूलों की बदहाली और गैर-शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की नियुक्ति — क्या यह स्वयं सरकार की नीति की विफलता नहीं है? 2. गांवों के बच्चों के लिए स्कूल ...

हाथरस कांड के आरोपितों के पक्ष में सवर्ण जाति के लोगों ने की महापंचायत.. सवर्ण समाज हुआ लामबंद

 उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित लड़की की मौत के मामले में अब आरोपितों   को बचाने की कवायद शुरू हो गई है। युवती की मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद शुक्रवार को इस मामले में आरोपियों को न्याय दिलाने के लिए सवर्ण समाज के लोग की पंचायत बैठक हुई है। गांव बघना में हुई इस पंचायत में 12 गांवों के लोग जुटे। इस पंचायत में लोगों ने आरोपियों के पक्ष से मांग उठाई है कि पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की जाए।

Upper caste group holds panchayat in favour of Hathras case accused, demands CBI inquiry

हाथरस में पीड़िता के गांव बुलगड़ी से करीब 5 किलोमीटर दूर गांव बघना में सवर्ण समाज के लोगों की आज पंचायत बैठी। आरोपियों के समर्थन में सवर्ण समाज के लोग ने मांग की कि, आरोपी पक्ष और लड़की पक्ष के लोगों का नारको टेस्ट कराया जाए, जिससे हकीकत सामने आ सके और निर्दोषों को न्याय मिल सके। बैठक के बाद धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि एसआईटी जांच निष्पक्ष रूप से हो। यदि हमारे बच्चे दोषी हैं तो उन्हें सजा जरूर दी जाए। प्रदर्शनकारियों का यह भी कहना है कि मामले में कोई निर्दोष न फंसे और दोषी बचने ना पाए।

उनका कहना है कि मामले को कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने स्वार्थ के लिए तूल दे रही हैं। लोगों का कहना है कि सच्चाई उजागर होनी चाहिए। पंचायत में शामिल हुए लोगों का दावा है कि, लड़की की मां और भाई से पूछताछ की जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी। जिन लड़कों को गिरफ्तार किया गया है वह उसे पानी पिला रहे थे और उल्टा ही उन पर आरोप लगा रहे हैं। पुलिस मामले में जांच सही नहीं कर रही है। इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। इन लोगों ने पुलिस जांच पर भरोसा जताया है।घटना के बाद से ही दूसरा पक्ष खुद को निर्दोष बता रहा है और एकजुट भी होता जा रहा है। इस तरह की सुगबुगाहट आसपास के गांवों में भी देखी जा रही है। इसे लेकर क्षेत्र में तनाव भी बढ़ रहा है। वहीं भाजपा के पूर्व विधायक राजवीर सिंह पहलवान ने आरोप लगाया है कि लड़की को उसके भाई और मां ने ही मारा है। उनका कहना है कि चारों युवक निर्दोष हैं और उन्हें फंसाया गया है। वहीं सांसद राजवीर सिंह दिलेर को लेकर उन्होंने कहा है कि किसी भी निर्दोष को नहीं फंसने दिया जा सकता.. 

Comments

  1. परन्तु सरकार बचा रही है, आरोपितों को

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