डड़कटवा के विरासत जब सावन आवेला त रोपनी आ खेती जमक जाले , लोग भोरही फरसा (फावड़ा) लेके खेत के हजामत बनावे चल दे ला , ओहमें कुछ लोग स्वभाव से नीच आ हजामत में उच्च कोटि के होला ओहके डड़कटवा (खेत का मेड़ काट कर खेत बढाने की नाजायज चेष्टा रखने वाला व्यक्ति )के नाम से जानल जाला .. डड़कटवा हर गांव में लगभग हर घर में पावल जाले , डड़कटवा किस्म के लोग कई पुहुत (पुश्त) तक एह कला के बिसरे ना देलन , कारण इ होला की उनकर उत्थान -पतन ओही एक फीट जमीन में फंसल रहेला , डड़कटवा लोग एह कला के सहेज (संरक्षित ) करे में सगरो जिनिगी खपा देलें आ आवे वाली अपनी अगली पीढ़ी के भी जाने अनजाने में सीखा देबेलें , डड़कटवा के डाड़ (खेत का मेड़) काट के जेवन विजय के अनुभूति होखे ले , ठीक ओइसने जेइसन पढ़ाकू लइका के केवनो परीक्षा के परिणाम आवे पर पास होइला पर खुशी होखे ले | कुल मिला के जीवन भर डाड़ काट के ओह व्यक्ति की नीचता के संजीवनी मिलेले आ ओकर आत्मा तृप्त हो जाले बाकी ओके भ्रम रहेला की खेत बढ़ गईल , काहे की ,एकगो कहाउत कहल जाले की...
प्रधानाध्यापक ने मुख्यमंत्री से मांगा सोलर पैनल
एक सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक की स्कूल के प्रति दिवानगी कुछ ऐसी है कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी को पत्र लिखकर मांग लिया सोलर पैनल |
एक स्कूल ऐसा भी
उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जनपद के जमालपुर विकास खण्ड अन्तर्गत डोमरी ग्रामसभा में स्थित सरकारी स्कूल प्राथमिक विद्यालय डोमरी के प्रधानाध्यापक प्रभाकर सिंह पटेल ने गर्मी में सूख रहे पौधों व बिजली की स्थिति को देखकर
मुख्यमंत्री पोर्टल पर लिखा पत्र और मांगा समुचित क्षमता का सोलर पैनल |
आज जब लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के बारे में सोच रहे हैं तब इस प्रधानाध्यापक ने एक नजीर पेश की है |
अब गेंद अधिकारियों के पाले में है ||
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
सम्बोधन में लिखा बच्चों और पौधों को सूखने से बचाने के लिए मांग लिया सोलर एनर्जी प्लांट
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