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डा० भीमराव अंबेडकर और वर्तमान

 बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर और वर्तमान भारतीय समाज  बाबा साहब  समाज में सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों के सबसे बड़े पुरोधा माने जाते हैं। उनका जीवन संघर्ष व दलितों के अधिकारों के लिए समर्पण और भारतीय संविधान में उनके योगदान ने उन्हें सामाजिक क्रांति का सिम्बल बना दिया है। वर्तमान भारतीय राजनीति में उनका नाम अक्सर उद्धृत किया जाता है, परन्तु क्या आज की राजनीति उनके विचारों के अनुरूप चल रही है? क्या जातिवाद अब भी भारतीय समाज की जड़ में है? आइए इस पर एक स्वस्थ विमर्श करें. .. 1. बाबा साहब अम्बेडकर के विचार और उनका महत्त्व जाति व्यवस्था पर उनका दृष्टिकोण 'एनिहिलेशन ऑफ कास्ट' का विश्लेषण भारतीय संविधान में सामाजिक समानता का समावेश आरक्षण नीति की अवधारणा 2. वर्तमान भारतीय राजनीति में अम्बेडकर के विचारों की प्रासंगिकता राजनीतिक दलों द्वारा अम्बेडकर का प्रतीकात्मक प्रयोग सामाजिक न्याय बनाम चुनावी राजनीति आरक्षण की राजनीति और उसका दुरुपयोग दलित नेतृत्व का उदय और उसकी सीमाएँ 3. जातिवाद: आज भी जीवित और प्रबल आधुनिक भारत में जातिवाद के नए रूप शिक्षा, नौकरियों और न्याय व्यवस्था ...

डा०ओमशंकर के मुद्दे पर बहस क्यों

एक तर्क पूर्ण बहस

     मेरे सोशल मीडिया के एक समूह सदस्य ने मेरे एक लेख पर कहा डा०ओमशंकर विपक्ष के साथ  हैं  तो मुझे कहना हुआ आप भी सुनें --
अनशन स्थान से तस्वीर 

भगवान न करें किसी को हॉस्पिटल जाना हो , परन्तु आप अगर पूर्वांचल के होते तो यह पक्ष - विपक्ष ,जाति -वर्ग से ऊपर इस इहलौकिक भगवान (डा० ओमशंकर, चिकित्सक को धरती का भगवान कहा गया है ) की बातें प्राण से प्यारी लगती ,मुझे डॉ ओमशंकर नहीं जानते लेकिन मैं उन्हें अच्छी तरह से जानता हूं  वे लीक से हट कर काम करते हैं  ,जहाँ लगभग हर चिकित्सक बेजा दवा , कमीशन की दवा ,कमीशन की जांच लिखते हैं, वहीं इनकी जांच बीएचयू के भीतर होगी , दवा कहीं भी और  सस्ती मिलेगी  , जब तक डा०ओमशंकर विभागाध्यक्ष नहीं थे तब तक *2 डी ई को* की जांच के लिए  20 दिन के अन्तराल पर डेट मिलती थी अब 2डी ईको  की अधिकतम 4 घण्टे में  सत्यापित रिपोर्ट आपके हाथ में  होगी |शंकर की मशाल भगवाधारी के हाथ --क्लिक करें
        आज वे बीएचयू में  हृदय रोग विभाग में  बेड की संख्या बढाने और  आप ही के लिए  चिकित्सा के मौलिक अधिकार को लागू करने तथा  बीएचयू को भ्रष्टाचार  मुक्त करने के लिए  जीवन दाव पर लगा कर  आमरण अनशन पर बैठे हैं  ,
मुझे एक वाकया याद है उन दिनो मैं  वाराणसी में  था हमारे मित्र प्रतियोगी छात्र सुनील पटेल की माता जी की तबियत खराब हो गई  , बीएचयू में  स्ट्रेचर पर कुछ दिन इलाज हुआ परन्तु बेड न मिला मजबूरन सुनील को प्राइवेट हॉस्पिटल जाना पड़ा और  हम लोग कुछ न कर सके |
उसकी पीड़ा हमें आज भी है ,ऐसे ही कितने सुनील पटेल और  उनके परिजन इस भ्रष्टाचार के भेंट चढ़े होंगे अथवा काल के गाल में  समा गये  होंगे  |
अगर आप के धुंधले नजरिए में डॉ ओमशंकर विपक्ष के आदमी हैं तो ऐसा आदमी ठीक , धन्य हैं  आप जो इसे राजनैतिक रंग दिए मेरी भी आंख खुल गई   | आप निर्णय स्वयं कीजिये कि आप सुनील पटेल की पीड़ा में  घुट -घुट कर जिएंगे कि डॉ ०ओमशंकर के स्वास्थ्य, शिक्षा के मौलिक अधिकार  की मांग , भ्रष्टाचार मुक्त बीएचयू  के साथ खुल कर  रहेंगे |भूखे शंकर का संकल्प --क्लिक
     डा०साहब को ऐसे लोगों से परेशान नहीं  होना चाहिए  ,क्योंकि गैलिलियो बहुत पहले कहा पृथ्वी गोल है लेकिन  अतिवादी तथा अधूरे ज्ञान के लोग व कुंठित  विचारक उसे मूर्ख और विपक्ष के  साथ  बताते थे , सुंदरलाल बहुगुणा  , मेधा पाटेकर ,महात्मा गांधी  ,भगत सिंह  ,चंद्रशेखर आज़ाद  , सरदार पटेल  , सुभाष चन्द्र बोस  सबको तत्कालीन तानाशाह  और उनके गुलाम विपक्ष के साथ ही बताते थे |डा०ओमशंकर का बीएचयू में आमरण अनशन क्यों
#I_support_DrOmshankar_BHU


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