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डा० भीमराव अंबेडकर और वर्तमान

 बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर और वर्तमान भारतीय समाज  बाबा साहब  समाज में सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों के सबसे बड़े पुरोधा माने जाते हैं। उनका जीवन संघर्ष व दलितों के अधिकारों के लिए समर्पण और भारतीय संविधान में उनके योगदान ने उन्हें सामाजिक क्रांति का सिम्बल बना दिया है। वर्तमान भारतीय राजनीति में उनका नाम अक्सर उद्धृत किया जाता है, परन्तु क्या आज की राजनीति उनके विचारों के अनुरूप चल रही है? क्या जातिवाद अब भी भारतीय समाज की जड़ में है? आइए इस पर एक स्वस्थ विमर्श करें. .. 1. बाबा साहब अम्बेडकर के विचार और उनका महत्त्व जाति व्यवस्था पर उनका दृष्टिकोण 'एनिहिलेशन ऑफ कास्ट' का विश्लेषण भारतीय संविधान में सामाजिक समानता का समावेश आरक्षण नीति की अवधारणा 2. वर्तमान भारतीय राजनीति में अम्बेडकर के विचारों की प्रासंगिकता राजनीतिक दलों द्वारा अम्बेडकर का प्रतीकात्मक प्रयोग सामाजिक न्याय बनाम चुनावी राजनीति आरक्षण की राजनीति और उसका दुरुपयोग दलित नेतृत्व का उदय और उसकी सीमाएँ 3. जातिवाद: आज भी जीवित और प्रबल आधुनिक भारत में जातिवाद के नए रूप शिक्षा, नौकरियों और न्याय व्यवस्था ...

बीएचयू का चिकित्सक आमरण अनशन पर

 


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BHU के विश्वख्यात चिकित्सक प्रोफेसर   Dr Omshankar आमरण अनशन पर -
 डा०ओमशंकर हृदय रोग व विभाग अध्यक्ष (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय )


ब वाराणसी ,काशी या बनारस की बात आती है तो बाबा विश्वनाथ , मां गंगा का पतित पावन तट और  काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) एक साथ  हृदय में  अंकित हो जाते हैं  |
वैसे तो वाराणसी, बनारस और  काशी पर्याय जैसे प्रयुक्त होते थे परन्तु कुछ समय पूर्व से अगर आप को बनारस जाना है तो पूर्व के मंडुआडीह जाना होगा ,काशी भी एक रेलस्थानक (Railway station ) है |
परन्तु आज हम बात करेंगे  काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) की जहां हृदय रोग विभागाध्यक्ष डा० ओमशंकर आमजन के हित के लिए खुद का जीवन दाव पर लगाकर 11 मई 2024 से  आमरण अनशन पर हैं | 
हालाकि वह अभी भी अपने मरीजों को अनशन स्थल से ही देख रहे हैं |अब  ओपीडी का संचालन कमरा न०19 से कर रहे हैं  |

चिकित्सक प्रोफेसर डा० ओमशंकर के आरोप-

डा०ओमशंकर हृदय रोग विभागाध्यक्ष हैं और  ख्यातिलब्ध चिकित्सक इनको राष्ट्रीय ,अन्तर्राष्ट्रीय  स्तर के सेवा  सम्मान प्राप्त हैं तथा हृदय रोगियों के लिए वरदान हैं।
डा० ओमशंकर आइएमएस  बीएचयू के चिकित्सा अधीक्षक  डा के० के० गुप्ता पर आरोप लगाते हैं  कि वह (KK GUPTA) पूर्व में  अवैध ढंग से काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के ब्लड बैंक के प्रभारी बने और  रक्तदान में प्राप्त लगभग साढे़ 600 यूनिट रक्त बेच दिए | जिसकी विभागीय जांच हुई और  डा० के के गुप्ता पर आरोप तय हुए लिहाज़ा उन्हें  पद से हटा दिया गया  ,परन्तु कुछ दिन बाद कोरोना महामारी में डा० के के गुप्ता  को कोरोना महामारी से निपटने हेतु प्रभार सौंपा गया जिसमें वे विफल रहे |चारो तरफ अफरातफरी मची रही ,खैर उस महामारी की प्रवृत्ति ही विकट थी |
इन अनियमितताओं में लिप्त होने के बावजूद भी डा० के० के ० गुप्ता को कुलपति महोदय द्वारा  चिकित्सा अधीक्षक का पद दिया गया। 
अब लगभग 3 वर्ष पूरे हो गये और  डा० गुप्ता चिकित्सा अधीक्षक बने हुए और  विभिन्न वित्तीय प्रभारों के प्रभारी है ,जिसमें भ्रष्टाचार के सत्यापित आरोप हैं , अब कुलपति महोदय को कौन सी खूबी दिखती है जो इन्हे विस्तारित सेवा प्रभार सौंपे रहना चाहते हैं|
 

 प्रोफेसर डा० ओमशंकर की मांग -

डा०ओमशंकर की  मांग है कि आमजन को स्वास्थ्य का मौलिक अधिकार मिले , हृदय रोग विभाग में  बेड बढाए जाएं , भ्रष्टाचारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ के ० के० गुप्ता  को पद  से हटाया जाए, महामना की बगिया में  हुए भ्रष्टाचार की एस० आइटी० जांच हो, दोषियों को सजा मिले |

आमजन की  प्रतिक्रिया 

  प्रोफेसर डा०ओमशंकर के इस सत्याग्रह का  आमजन से खूब  सहयोग और समर्थन मिल रहा है  ,परन्तु सबको अपने  चिकित्सक के अनमोल जीवन की भी फिक्र है  , जनता आक्रोसित है ,नौजवान  ,विद्वान, विद्यार्थी, किसान  सभी डा० साहब के समर्थन में है। 
          डा० साहब आमजन के लिए  सत्याग्रह पर हैं ,डा०ओमशंकर चाहें तो प्राइवेट प्रैक्टिस कर खूब धन एकत्रित कर सकते हैं  ,डा०ओमशंकर चाहे तो उन भ्रष्ट  लोगों से मिल कर चुप हो  जाते  अथवा पर्याप्त वेतन के साथ सुविधा भोगते | परन्तु ऐसा नहीं है  डा०ओमशंकर आप की लड़ाई लड़ रहे हैं  आप अपने हिस्से की लड़ाई लड़िए ,एक्स पर  लिखिए , फेसबुक पर लिखिए , सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ट्रेंड कीजिए, आप अपने हिस्से की लड़ाई  लड़िए  ताकि बीएचयू प्रशासन की निद्रा भंग हो...
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