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डड़कटवा के विरासत

 डड़कटवा के विरासत जब सावन आवेला त रोपनी आ खेती जमक जाले , लोग भोरही फरसा (फावड़ा) लेके खेत के हजामत बनावे चल दे ला , ओहमें कुछ लोग स्वभाव से नीच आ हजामत में उच्च कोटि के होला ओहके डड़कटवा (खेत का मेड़ काट कर खेत बढाने की नाजायज चेष्टा रखने वाला व्यक्ति )के नाम  से जानल जाला .. डड़कटवा हर गांव में  लगभग हर घर में  पावल जाले , डड़कटवा किस्म के लोग कई पुहुत (पुश्त) तक एह कला के बिसरे ना देलन  , कारण इ होला की उनकर उत्थान -पतन ओही एक फीट जमीन में  फंसल  रहेला  , डड़कटवा लोग एह कला के सहेज (संरक्षित ) करे में सगरो जिनिगी खपा देलें आ आवे वाली अपनी अगली पीढ़ी के भी जाने अनजाने में सीखा देबेलें , डड़कटवा के  डाड़ (खेत का मेड़) काट के जेवन विजय के अनुभूति होखे ले , ठीक ओइसने जेइसन  पढ़ाकू लइका के केवनो परीक्षा के परिणाम आवे पर पास होइला पर खुशी होखे ले |       कुल मिला के जीवन भर डाड़ काट के ओह व्यक्ति की नीचता के संजीवनी  मिलेले आ ओकर आत्मा तृप्त हो जाले बाकी ओके भ्रम रहेला की खेत बढ़ गईल , काहे की ,एकगो कहाउत कहल जाले की...

ओमशंकर की मशाल भगवाधारी के हाथ

 

      १हस्ताक्षर अभियान की तस्वीर 

डा०ओमशंकर की मशाल भगवाधारी के हाथ

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU ) के हृदय रोग विभागाध्यक्ष  डा० ओमशंकर स्वास्थ्य और शिक्षा के अधिकार (#Right2health & #Right2Education ) BHU को भ्रष्टाचार मुक्त करने   के लिए 11 मई से आमरण अनशन पर बैठे हैं | आज 14वां दिन है परन्तु  बीएचयू  प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगा | 
          2-  बिना अनुमति की ली गई  तस्वीर 

उनके समर्थन में अयोध्या से आए एक भगवाधारी बाबा जी सबके कौतूहल का विषय बने हुए हैं | 
डॉ० शंकर  के समर्थन में एक मशाल जूलूस कल सांयकालीन सत्र में  निकला बाबा पूरी जिम्मेदारी के साथ  एक 60 वर्षीय युवा की भूमिका में कभी क्रांति मसाल लेकर अगली पंक्ति में  तो कभी , अभिभावक की भूमिका में विनय के भाव से सबको कतारबद्ध करते तो कभी पीछे छूट गये लोगों को दौड़ कर  समेटते पहुंच गये  कुलपति आवास के सामने | छात्र उत्तेजित थे, नारे गगन भेद रहे थे , सड़क भीड़ से अटी पड़ी थी तभी एक सुरक्षाकर्मी ने संयोग अथवा दुर्योग से महात्मा जी के तरफ इशारा करते हुए  हम से ही पूछ लिया  कि ये कौन हैं  |
हमने उनकी जिज्ञासाओं का शमन करने हेतु  कहा कि ये वस्त्र ,आचार और  व्यवहार से महात्मा हैं | तो वे पूछ बैठे कि इन्हे क्या जरुरत है ऐसे उग्र आंदोलन में सम्मिलित होने की इन्हें क्या जरुरत पड़ गयी |

    3- #selfi_with_Bed मुहिम का हिस्सा 

   मैने कहा आप के जानकारी के लिए बता दूं की भारत संत ,महात्मा, ऋषियों की समृद्ध परम्परा की धरा है , जिसमें लोककल्याण की संकल्पना को पोषण ,पल्वन मिलता है | आजादी का आन्दोलन हो या महत्वपूर्ण समाजसुधार हों सभी में ऋषियों ,महात्माओं की महति भूमिका रही है |
      और  आगे का वक्तव्य बाबा जी वाला ही चिपका दिया क्योंकि मैं भी प्रथम दिन से सभी मूवमेंट्स में सक्रिय प्रतिभागी हूं , और बाबा जी को ध्यान से सुन रहा हूं|
बाबा सुखराम दास जी  का कहना है कि " डॉ० ओमशंकर जी का अनशन मानव मात्र के कल्याण के लिए  ही है और  एक संत का सम्पूर्ण जीवन का लक्ष्य ही लोककल्याण हेतु समर्पित है  | चिकित्सक धरती का भगवान है इसलिए हम इहलौकिक भगवान डॉ ओमशंकर के अनशन, आन्दोलन, मुहिम में  साथ हूं |
          अब वो जिज्ञासु शांत हो गये | 
           तब हमारी आस्था बाबा जी और  आन्दोलन दोनों में बढ़ गई |



4-महात्मा जी शंकराचार्य जी के प्रतिनिधि के साथ 

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