स्कूल" स्कूलों का मर्जर : वंचितों से छीनी जा रही है शिक्षा की आखिरी उम्मीद — एक सामाजिक, शैक्षिक और नैतिक समीक्षा "शिक्षा एक शस्त्र है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं" — नेल्सन मंडेला। लेकिन क्या हो जब वह शस्त्र वंचितों के हाथ से छीन लिया जाए? उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) की नीति न केवल शिक्षा का ढांचा बदल रही है, बल्कि उन बच्चों की उम्मीदों को भी कुचल रही है जिनके पास स्कूल ही एकमात्र रोशनी की किरण था। 1. मर्जर की वजहें – प्रशासनिक या जनविरोधी? amazon क्लिक करे और खरीदें सरकार यह कहती है कि बच्चों की कम संख्या वाले विद्यालयों का विलय करना व्यावसायिक और प्रशासनिक दृष्टि से उचित है। पर यह सवाल अनुत्तरित है कि – क्या विद्यालय में छात्र कम इसलिए हैं क्योंकि बच्चों की संख्या कम है, या इसलिए क्योंकि व्यवस्थाएं और भरोसा दोनों टूट चुके हैं? शिक्षक अनुपात, अधूरी भर्तियाँ, स्कूलों की बदहाली और गैर-शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की नियुक्ति — क्या यह स्वयं सरकार की नीति की विफलता नहीं है? 2. गांवों के बच्चों के लिए स्कूल ...
१हस्ताक्षर अभियान की तस्वीर
डा०ओमशंकर की मशाल भगवाधारी के हाथ
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU ) के हृदय रोग विभागाध्यक्ष डा० ओमशंकर स्वास्थ्य और शिक्षा के अधिकार (#Right2health & #Right2Education ) BHU को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए 11 मई से आमरण अनशन पर बैठे हैं | आज 14वां दिन है परन्तु बीएचयू प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंगा |
उनके समर्थन में अयोध्या से आए एक भगवाधारी बाबा जी सबके कौतूहल का विषय बने हुए हैं |
डॉ० शंकर के समर्थन में एक मशाल जूलूस कल सांयकालीन सत्र में निकला बाबा पूरी जिम्मेदारी के साथ एक 60 वर्षीय युवा की भूमिका में कभी क्रांति मसाल लेकर अगली पंक्ति में तो कभी , अभिभावक की भूमिका में विनय के भाव से सबको कतारबद्ध करते तो कभी पीछे छूट गये लोगों को दौड़ कर समेटते पहुंच गये कुलपति आवास के सामने | छात्र उत्तेजित थे, नारे गगन भेद रहे थे , सड़क भीड़ से अटी पड़ी थी तभी एक सुरक्षाकर्मी ने संयोग अथवा दुर्योग से महात्मा जी के तरफ इशारा करते हुए हम से ही पूछ लिया कि ये कौन हैं |
हमने उनकी जिज्ञासाओं का शमन करने हेतु कहा कि ये वस्त्र ,आचार और व्यवहार से महात्मा हैं | तो वे पूछ बैठे कि इन्हे क्या जरुरत है ऐसे उग्र आंदोलन में सम्मिलित होने की इन्हें क्या जरुरत पड़ गयी |
मैने कहा आप के जानकारी के लिए बता दूं की भारत संत ,महात्मा, ऋषियों की समृद्ध परम्परा की धरा है , जिसमें लोककल्याण की संकल्पना को पोषण ,पल्वन मिलता है | आजादी का आन्दोलन हो या महत्वपूर्ण समाजसुधार हों सभी में ऋषियों ,महात्माओं की महति भूमिका रही है |
और आगे का वक्तव्य बाबा जी वाला ही चिपका दिया क्योंकि मैं भी प्रथम दिन से सभी मूवमेंट्स में सक्रिय प्रतिभागी हूं , और बाबा जी को ध्यान से सुन रहा हूं|
बाबा सुखराम दास जी का कहना है कि " डॉ० ओमशंकर जी का अनशन मानव मात्र के कल्याण के लिए ही है और एक संत का सम्पूर्ण जीवन का लक्ष्य ही लोककल्याण हेतु समर्पित है | चिकित्सक धरती का भगवान है इसलिए हम इहलौकिक भगवान डॉ ओमशंकर के अनशन, आन्दोलन, मुहिम में साथ हूं |
अब वो जिज्ञासु शांत हो गये |
BHU के चिकित्सक आमरण अनशन पर -क्लिक करे
तब हमारी आस्था बाबा जी और आन्दोलन दोनों में बढ़ गई |
भूखे शंकर का संकल्प (BHU) -क्लिक करे
4-महात्मा जी शंकराचार्य जी के प्रतिनिधि के साथ
Comments
Post a Comment