भूखे शंकर का संकल्प
आज कलम चिल्ला उठी ,
बीएचयू की खामोशी पर,
युवा नसो में फफक दौड़ रहे ,
ठण्डे पड़े चटख - लाल-लहू पर ,
पूछ रही है महामना की ,
लहराती सुंदर बगिया ,
शंकर को मिले हरे जख्म का ,
कब हिसाब अब होगा,
भगत सिंह के सपनो वाला ,
इंकलाब कब होगा |
कब गूंजेगा कण-कण मेरा ,
भूखे शंकर के संकल्पों से |
भ्रष्टाचार से जकड़े मुझको ,
कब बेड़ी काटोगे ,
कब अधिकार दिला पाओगे ,
शंकर के दिए विकल्पों सा ,
वीटी हो या सिंह द्वार हो ,
या रसेश्वर शंकर ,भोला ,
पूछ रहे सब प्रतिदिन तुम से ,
कब गूंजेगा ,मेरा रंग दे बसंती चोला |
लील रहे मिल राहु -केतु ,
भीख मिली राजधानी को |
मौन बने झूठलाते हो तुम ,
पुरखों से मिली कहानी को |
क्यों अपमानित करते हो ,
महामना से भिक्षु को ,
क्यों आपमानित करते हो ,
काशी के अवढ़र दानी को |
कब खोलोगे नयन तीसरा ,
युवाओं के निर्देशों का ,
शंकर अब पर्चे वो दे दो ,
भगत सिंह संदेशों का |
उगेगा नया सबेरा अब तो ,
रात यहां न होगी ,
केवल अब पद चांप सुनेंगे |
बात यहां न होगी |
डा०ओमशंकर का अनशन क्यों - क्लिक करे ं
सलमा जी किन्नर समाज की राष्ट्रीय अध्यक्ष का समर्थन
viranjay singh
(Journalis)
Shankar
ReplyDeleteMajadev
ReplyDeleteDr shankar
ReplyDeleteOm shankar
ReplyDeleteStrike and struggal
ReplyDeleteJab sapne me shankar ho
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