डड़कटवा के विरासत जब सावन आवेला त रोपनी आ खेती जमक जाले , लोग भोरही फरसा (फावड़ा) लेके खेत के हजामत बनावे चल दे ला , ओहमें कुछ लोग स्वभाव से नीच आ हजामत में उच्च कोटि के होला ओहके डड़कटवा (खेत का मेड़ काट कर खेत बढाने की नाजायज चेष्टा रखने वाला व्यक्ति )के नाम से जानल जाला .. डड़कटवा हर गांव में लगभग हर घर में पावल जाले , डड़कटवा किस्म के लोग कई पुहुत (पुश्त) तक एह कला के बिसरे ना देलन , कारण इ होला की उनकर उत्थान -पतन ओही एक फीट जमीन में फंसल रहेला , डड़कटवा लोग एह कला के सहेज (संरक्षित ) करे में सगरो जिनिगी खपा देलें आ आवे वाली अपनी अगली पीढ़ी के भी जाने अनजाने में सीखा देबेलें , डड़कटवा के डाड़ (खेत का मेड़) काट के जेवन विजय के अनुभूति होखे ले , ठीक ओइसने जेइसन पढ़ाकू लइका के केवनो परीक्षा के परिणाम आवे पर पास होइला पर खुशी होखे ले | कुल मिला के जीवन भर डाड़ काट के ओह व्यक्ति की नीचता के संजीवनी मिलेले आ ओकर आत्मा तृप्त हो जाले बाकी ओके भ्रम रहेला की खेत बढ़ गईल , काहे की ,एकगो कहाउत कहल जाले की...
होली 2023 की तिथि (Holi 2023 Date )
होली का त्यौहार रंग ,रंगने वाले और भींगने वाले तीनों की सरसता ,समरसता, प्रेम में सराबोर होने ,एकाकार होने का पर्व है |
इस पर्व में रंग और गुलाल तो प्रतीक मात्र हैं , रंगना और भींगना तो प्रेम में होता है |
यह भारतीय संस्कृति की विविधता (रंग-बिरंगा )में एकता का प्रतीक है |
उस दिन सभी लोग सारे बैर भाव भूलकर एक दूसरे से प्रेम पूर्वक मिलते हैं |
हालांकि अब इस परम्परा में गिरावट आई है परन्तु अभी भी यह चल रहा है।
इस बार की होली 2023 की तिथियां कुछ इस प्रकार हैं |
होलिका दहन - फाल्गुन शुक्ल तिथि 14 (6 मार्च)
काशी में होली - फाल्गुन शुक्ल तिथि 15 पूर्णिमा (7 मार्च )
काशी से अन्यत्र होली - रंगोत्सव
चैत्र कृष्ण तिथि प्रथमा (8मार्च)
बुढ़वा मंगल (काशी)- चैत्र कृष्ण तिथि सप्तमी (14मार्च)
इन तिथियों के सत्यापन हेतु देश काल और स्थानीयता के अनुरूप पांचांग देंखें |
होली 2022की तिथि (Holi 2022 Date )
अगर हम बीती होली की बात करें तो ,2022 में होली की बात करें तो 17 मार्च फाल्गुन शुक्ल पक्ष में होलिका दहन |
18 मार्च फाल्गुन शुक्ल पक्ष पूर्णिमा को रंगोत्सव मनाया गया |
होली 2024 की तिथि (when Holi 2024 Date)
होली की तिथि सूर्य -चंद्र और ग्रहों की स्थिति पर निर्भर करता है|
परन्तु सम्भावित तिथि - मार्च 25 दिन सोमवार 2024 है |(तिथि में परिवर्तन सम्भव है )
हमें आशा है कि आप सब के प्रश्न - होली कब है (when Holi
2022 , Holi 2023 , Holi
2024) के जबाब मिल गये होंगे |
होली 2022 और होली 2023 के मायने -
होली 2022 में कोरोना के बढ़ते कहर के कारण प्रतिबंध थे | चहुओर भय व्याप्त था उसके बावजूद भी होली एक निश्चित सीमान्तर्गत धूमधाम से मनी |
परन्तु होली 2023 निर्भय होकर मनाई जाएगी |
सभी लोग रंग - गुलाल खेलेंगे, गले मिलेंगे ,पकवान छके जाएंगे |
कुछ प्रमुख फाग बोल होली 2023 -
होली के दिन ढोल - मजीरा के साथ हुरियारों की टोली घूमते हुए गाती है--
होरी खेले रघुबीरा अवध में......
रंग बरसे भींगे चुनर वाली....
पनिया लाले -लाल ए गउरा हमरा के चाहीं ........
आदि गाये जाते हैं |
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होली कुछ तस्वीरें जो मन को सराबोर करती हैं ,साझा करते हैं. ...
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Very Nice and important knowledge about Holi.
ReplyDeleteThanks
Shandar holi Discrimination and description
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