खण्ड शिक्षा अधिकारी ने जब दौरा किया
आज अचानक कहूं की औचक कहूं या अनौपचारिक (informal ) कहूं निरीक्षण (inspection ) हुआ हमारे विद्यालय का , नहीं निरीक्षण कहना न्यायसंगत न होगा | हमारे विद्यालय का आज पर्यवेक्षण (Supervision ) हुआ | हमारे विद्यालय के मुख्य द्वार में ताला बंद करने की परम्परा नहीं , विद्यालय में अनुशासन और सजगता के कारण बच्चों का अनचाहा पलायन भी नहीं होता सो विद्यालय का द्वार सामाजिक अंतर्क्रिया हेतु हमेशा खुला रहता है , आज एक बाईक विद्यालय परिसर के ठीक मध्य में ठहर गई |*
*विकास खण्ड जमालपुर के विद्वान खण्ड शिक्षा अधिकारी श्रीमान देवमणि पाण्डेय जी अपनी दैनन्दिनी मुझे हस्तगत करते हुए कक्षा-कक्ष की ओर बढ़े और सीधे बच्चों से अन्तर्क्रिया (Interaction ) आरम्भ कर दिए - सर्वप्रथम दर्जा जानने के बाद, कक्षा का न्यूनतम अधिगम स्तर* *आकलन करने लगे , फिर यादृच्छिक रुप से विद्यार्थी का न्यूनतम अधिगम स्तर आकलित करते और फिर यथोचित पुनर्बलन प्रदान करते हुए , बच्चों के प्रदर्शन व उपस्थिति से संतुष्ट दिखे विद्यालय प्रमुख तथा शिक्षकों की सराहना करते हुए प्रत्येक कक्षा -कक्ष का* पर्यवेक्षण /अवलोकन करने के बाद , परिसर सज्जा , पोषण वाटिका को भी नजदीक से निहारा |
*कायाकल्प के सभी बिन्दुओं का सिंहावलोकन करते हुए अपनी प्रविष्टियां को कलमबद्ध किए और मुखातिब थे विद्यालय परिवार से*|
अपने दो घण्टे के विद्यालय प्रवास के समय विभिन्न भूमिकाओं में दिखे विकास खण्ड के शिक्षा नेतृत्वकर्ता - जब वे बच्चों से अंतर्क्रिया कर रहे थे तो बच्चों के स्तर पर उतर गये , फिर श्यामपट्ट कौशल का प्रदर्शन करते हुए शिक्षक बन गये , जब विद्यालय, बच्चों और शिक्षकों के सकारात्मक पक्ष का वर्णन कर रहे थे तो अभिभावक के रुप में दिखे , जब कुछ अधूरे लक्ष्यों को चिन्हीत करते हुए उनको पूरा करने का सहयोग और उपाय प्रस्तुत किए तो सहकर्मी के रुप में दिखे , और अपने व्यक्तिगत अहैतुक अथवा स्वांत:सुखाय के अनुभव साझा करते हुए जीवन जीने की कला (Art of Living ) की बात करने लगे तो प्रेरक व्याख्याता (Motivational speaker ) तथा मित्र के रुप में देखे , उन्होंने हमें एकल यात्री (solo traveler ) पर्यटन की खुबियां बतााए तो हमने उन्हें सुतार पर्यटन शैली से परिचय कराया , फिर विराट अनुभव का आंशिक भाग साझा करते हुए विदा लिए|
एक शिक्षक की नज़र से. ..
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