बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर और वर्तमान भारतीय समाज बाबा साहब समाज में सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों के सबसे बड़े पुरोधा माने जाते हैं। उनका जीवन संघर्ष व दलितों के अधिकारों के लिए समर्पण और भारतीय संविधान में उनके योगदान ने उन्हें सामाजिक क्रांति का सिम्बल बना दिया है। वर्तमान भारतीय राजनीति में उनका नाम अक्सर उद्धृत किया जाता है, परन्तु क्या आज की राजनीति उनके विचारों के अनुरूप चल रही है? क्या जातिवाद अब भी भारतीय समाज की जड़ में है? आइए इस पर एक स्वस्थ विमर्श करें. .. 1. बाबा साहब अम्बेडकर के विचार और उनका महत्त्व जाति व्यवस्था पर उनका दृष्टिकोण 'एनिहिलेशन ऑफ कास्ट' का विश्लेषण भारतीय संविधान में सामाजिक समानता का समावेश आरक्षण नीति की अवधारणा 2. वर्तमान भारतीय राजनीति में अम्बेडकर के विचारों की प्रासंगिकता राजनीतिक दलों द्वारा अम्बेडकर का प्रतीकात्मक प्रयोग सामाजिक न्याय बनाम चुनावी राजनीति आरक्षण की राजनीति और उसका दुरुपयोग दलित नेतृत्व का उदय और उसकी सीमाएँ 3. जातिवाद: आज भी जीवित और प्रबल आधुनिक भारत में जातिवाद के नए रूप शिक्षा, नौकरियों और न्याय व्यवस्था ...
शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच में एसटीएफ ने तार जुड़े पाए कार्यालय परीक्षा नियामक प्राधिकरी प्रयागराज तक
,एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी
शिक्षक भर्ती घोटाला का बड़ा खुलासा
भर्ती घोटाले के तार परीक्षा नियामक प्राधिकरी प्रयागराज के कार्यालय से जुड़े पाए गए..
शिक्षक भर्ती घोटाले में संलिप्त था, कार्यालय परीक्षा नियामक प्राधिकरी प्रयागराज का लिपिक नरेंद्र कन्नौजिया पुत्र केवला प्रसाद निवासी चकदेवरा का कनैला, नैनी प्रयागराज |
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में साल्वर से लेकर फर्जी प्रमाणपत्र, हेराफेरी से फर्जी न्युक्ति का काम उत्तर प्रदेश की विभिन्न भर्तियों में चल रहा था | इस गैंग का सरगना गिरफ्तार हुआ जिसकी निशान देही पर नरेंद्र कन्नौजिया को एसटीएफ ने आज सुबह सिविल लाइन रोडवेज बस स्टैंड से गिरफ्तार किया | कन्नौजिया ने पूछताछ में स्वयं को कार्यालय परीक्षा नियामक प्राधिकरी प्रयागराज का कनिष्ठ लिपिक बताया
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अब देखना है फर्जी तरीके से न्युक्ति पाकर गुरु जी बने लोगों का क्या होता है ❓क्या योग्य अभ्यर्थियों को न्याय मिलेगा ❓
Ye to hona hi tha
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