स्कूल" स्कूलों का मर्जर : वंचितों से छीनी जा रही है शिक्षा की आखिरी उम्मीद — एक सामाजिक, शैक्षिक और नैतिक समीक्षा "शिक्षा एक शस्त्र है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं" — नेल्सन मंडेला। लेकिन क्या हो जब वह शस्त्र वंचितों के हाथ से छीन लिया जाए? उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) की नीति न केवल शिक्षा का ढांचा बदल रही है, बल्कि उन बच्चों की उम्मीदों को भी कुचल रही है जिनके पास स्कूल ही एकमात्र रोशनी की किरण था। 1. मर्जर की वजहें – प्रशासनिक या जनविरोधी? amazon क्लिक करे और खरीदें सरकार यह कहती है कि बच्चों की कम संख्या वाले विद्यालयों का विलय करना व्यावसायिक और प्रशासनिक दृष्टि से उचित है। पर यह सवाल अनुत्तरित है कि – क्या विद्यालय में छात्र कम इसलिए हैं क्योंकि बच्चों की संख्या कम है, या इसलिए क्योंकि व्यवस्थाएं और भरोसा दोनों टूट चुके हैं? शिक्षक अनुपात, अधूरी भर्तियाँ, स्कूलों की बदहाली और गैर-शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की नियुक्ति — क्या यह स्वयं सरकार की नीति की विफलता नहीं है? 2. गांवों के बच्चों के लिए स्कूल ...
शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच में एसटीएफ ने तार जुड़े पाए कार्यालय परीक्षा नियामक प्राधिकरी प्रयागराज तक
,एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी
शिक्षक भर्ती घोटाला का बड़ा खुलासा
भर्ती घोटाले के तार परीक्षा नियामक प्राधिकरी प्रयागराज के कार्यालय से जुड़े पाए गए..
शिक्षक भर्ती घोटाले में संलिप्त था, कार्यालय परीक्षा नियामक प्राधिकरी प्रयागराज का लिपिक नरेंद्र कन्नौजिया पुत्र केवला प्रसाद निवासी चकदेवरा का कनैला, नैनी प्रयागराज |
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में साल्वर से लेकर फर्जी प्रमाणपत्र, हेराफेरी से फर्जी न्युक्ति का काम उत्तर प्रदेश की विभिन्न भर्तियों में चल रहा था | इस गैंग का सरगना गिरफ्तार हुआ जिसकी निशान देही पर नरेंद्र कन्नौजिया को एसटीएफ ने आज सुबह सिविल लाइन रोडवेज बस स्टैंड से गिरफ्तार किया | कन्नौजिया ने पूछताछ में स्वयं को कार्यालय परीक्षा नियामक प्राधिकरी प्रयागराज का कनिष्ठ लिपिक बताया
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अब देखना है फर्जी तरीके से न्युक्ति पाकर गुरु जी बने लोगों का क्या होता है ❓क्या योग्य अभ्यर्थियों को न्याय मिलेगा ❓
Ye to hona hi tha
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