शिक्षक और परिवर्तन की मिशाल शिक्षक को परिवर्तन के लिए जाना जाता है। समाज में महत्वपूर्ण परिवर्तन तथा सुधारों के प्रतीक हैं, शिक्षक | अब उन शिक्षकों को एक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करनी है , जिनकी सेवा 6 अथवा 8 वर्ष है , हां उन्हें पास करना भी चाहिए क्योंकि वे राष्ट्र निर्माण की नर्सरी तैयार कर रहे हैं। परन्तु क्या ऐसी परीक्षा जिसमें पिता और पुत्र एक साथ बैठ कर परीक्षा दें | उसके लिए अतिरिक्त समय , तैयारी और पुनः समायोजित तैयारी की जरुरत होगी | सरकारी शिक्षकों का दायित्व एक सरकारी शिक्षक को , बाल गणना , जनगणना , मकान गणना , बाढ़ नियंत्रण, बी एलओ, सफाई , एमडीएमए ,चुनाव और भी बहुत कुछ तब जा कर मूल दायित्व बच्चों को गढ़ कर नागरिक बनाना | मुर्गे की कहानी और शिक्षक जो समस्याएं आती हैं उनकी पटकथा और पृष्ठभूमि होती है। अनायास एक दिन में समस्याएं नहीं आ जाती. .. एक लोक कथा याद आ गई. . एक शानदार मुर्गा था कलंगीदार मस्तक , चमकीले पंख , चमकदार आंखे , मांसल पैर और वजनदार शरीर अर्...
लोक विधाओं का संरक्षण एक तपस्या
जनसामान्य की भाषा को आवाज देती एक विधा |लोक विधा हैं, लोक गीत, लोक नाट्य, लोक नृत्य और लोक गाथाओं का कोई रुप |
लोक विधा से आशय अभिजात्य के अहंकार से परे परम्पराओं और संस्कृतियों को संरक्षित पोषित करने की एक विधि |इसमें आंचलिकता और उसकी एतिहासिक समृद्धि तथा गाथा को अगली पीढ़ी को हस्तांतरित करने की पुरजोर जिजीविषा होती है |
परम्पराएं और संस्कृतियां किसी भी स्थान के उत्थान की साक्षी और भागीदार होती हैं ,जिनका बहुत ही तेजी से क्षरण हो रहा है |
परिणाम -जिसका परिणाम है सामाज का मानसिक दिवालियापन और आधुनिकता के नाम पर विषाक्त पाश्चात्यिकरण व कुसंस्कार का पल्लवन |
कारण -कारण है लोक विधाओं के तरफ से विमुख होना ,उसे भूल जाना, उसे भाव न देना, उसके उन्नयन, संरक्षण व समृद्धि हेतु शासन, समूह अथवा व्यक्तिगत रूप से कोई प्रयास न करना ,जो प्रयास करे उसकी उपेक्षा करना |
लोक विधाओं लोक गीत, लोक नृत्य, लोक गाथाएँ आमजन की भाषा में आमजन की कथा - व्यथा , परम्परा और संस्कृति को समृद्ध और संरक्षित करते हुए हस्तांतरण का काम करती है परन्तु इन्हें संरक्षित करने हेतु लिपिबद्ध करने का काम बहुत कम हुआ है और किसी ने किया भी है तो केवल एकतरफा अक्सर होता यह है कि लिखने वाला गेय पक्ष से वंचित रहता है अथवा आंशिक हुनर वाला होता है और गायक लिखने की कला से अनभिज्ञ रहता है |
परन्तु डॉ० मन्नू यादव जो पेशे से शिक्षक हैं , इन्होंने लोक विधा को बखूबी जिया है, बिरहा विधा जो पूर्वांचल की पहचान रही है उसको अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने का गौरव डॉ० साहब को प्राप्त है, डॉ० मन्नू का बिरहा चैता,फगुआ, कजरी आल इण्डिया रेडियो,आकाश वाणी, दूरदर्शन व सरकार के विभिन्न आयोजनों में लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं | लोग जब इस परम्परा के आदी हों की हमारी मौलिकता भारतीय योग अमेरिका से योगा बनकर लौटेगा तब अपनाएंगे, बिरहा, कजरी, चैता जब फिल्मों में आएंगे तब ताली बजाएंगे पर अपने यहाँ कहेंगे हमें नहीं समझ में आता या अच्छा नहीं लगता | अपनी लोक विधा, लोकभाषा और लोक परम्पराओं से पल्ला झाड़ना अथवा विमुख होना ठीक वैसे ही है जैसे कोई अफसर अपने किसान - मजदूर पिता को अपने वर्तमान अभिजात्य समाज में पहचानने से इन्कार कर दे | इस दौर में हमने डॉ० मन्न्नू जी को लोक विधा के लिए जीते - मरते देखा है | बहुत कम ऐसा देखने को मिलता है जब जो लिखे वह गाए भी पर डॉ० साहब इस हुनर से समृद्ध हैं जो गाते भी और लिखते भी हैं | हम देखते हैं विधा को लिपिबद्ध होने पर संरक्षित तो किया ही जा सकता है परन्तु गेय पक्ष को हस्तांतरण ही करना पड़ता है जिसके लिए डा० मन्नू ने एक बिरहा अकादमी का भी क्रियान्वयन शुरू किया है | डॉ० मन्न्नू ने दो पुस्तकों की रचना की एक बिरहा पर आधारित है और दूसरी कजरी मीमांसा | कजरी मूलतः मीरजापुर की सांस्कृतिक पहचान है, यहाँ आमजन में प्रचलित कजरी " "मीरजापुर के कइल३ गुलज़ार कचौड़ी गली सून कइल...... "
"सइंया मेंहदी लियइहा मोती झील से जा के साइकिल से ना.... "
" नाही कामिनी कलेवर कश में,
विह्वल सोरहै बरस में ना।.
विह्वल सोरहै बरस में ना।.
क्रांतिकारी / देश भक्ति कजरी.."सत सम सत्य अहिंसा स्वतंत्र हिंदुस्तान से निकला,
बापू के जुबान से निकला,
भारत के मुस्कान से निकला ना।"
केवल मीरजापुर ही नहीं अपितु समूचे उत्तर प्रदेश और बिहार तक बहुत चाव से गाया जाता है|
डॉ० मन्न्नू की रचना कजरी मीमांसा का औपचारिक विमोचन वर्तमान लोक गीत साम्राज्ञी , पद्म श्री मालिनी अवस्थी द्वारा किया गया | आज से यह लोक कृति आम जनता के लिए उपलब्ध होगी |
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सम्पूर्ण कला जगत व कला प्रेमियों के लिए गौरव का क्षण है |https://youtu.be/wwG7x_cDGD4
पुस्तक विमोचन के कार्यक्रम की एक क्लिप
विशिष्ट रचना
ReplyDeleteअनमोल धरोहर को सजोंने और सवारने के लिए एक प्रयास
ReplyDeleteजी हाँ👍
Deleteलोकविधाओं की मशाल के लीविंग लीजेंड
ReplyDeleteवाह अद्भुत
ReplyDeleteअद्भुत
ReplyDeleteSarahaniy dr saheb
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