मेरा गाँव पूरा गांव अपना था , आम ,महुआ , पीपल , नीम का छांव अपना था , बस तुम अजनबी थे | पूरे गांव के लोग अपने थे , कुआं , गड़ही ,पोखर , दूर तक फैला ताल अपना था , बस तुम अजनबी थे | पूरे खेत - खलिहान अपने थे , ओल्हापाती , चिक्का गोली ,गिल्ली डण्डा , खेल सामान अपने थे , बस तुम अजनबी थे | अब तुम अपने हो , सब अजनबी हैं | तुम (नौकरी ) अजनबी हो जाओ ||
गांव छोड़ के आइल बानी
बरिस दिन के दिन रहे ई ,
सगरो से अच्छा सीन रहे ई ,
नोकरी, रोटी, स्वारथ में एतना हम अंझुराइल बानी ,
सोन चिरइया गांव आपन हम अहकत छोड़ के आइल बानी |
छान्ही की एक ओरियानी चोंचा घर बनावत ई,
एक ओरियानी घात लगा के कबूतर खर जुटावत ई ,
बीच बड़ेरा ठोरे -ठोरे फुर्गुदी क खोंता तर सझुराइल बानी ,
सोन चिरइया गांव आपन हम अहकत छोड़ के आइल बानी |
फगुआ में फाग बिसर गईल ,
चैति में उ चैता ,
कजरी के उ राग रहे का , सब कुछ हम भुलाइल बानी ,
सोन चिरइया गांव आपन हम अहकत छोड़ के आइल बानी |
मसूरी रहे कटत अभी त ,
गेंहूं बस गदराइल बा ,
उम्ही ,गदरा , होरहा ,कचरस पाके बस अगराइल बानी,
सोन चिरइया गांव आपन हम अहकत छोड़ के आइल बानी |
सगरो सिवान हरियरे बाटे ,
आम मउर अब लागत बाटे,
सूखल देख के हरदी के गावा ,
हमहूं अब झुराईल बानी,
सोन चिरइया गांव आपन हम अहकत छोड़ के आइल बानी |
गांव से होरहा (भूना चना)
गांव के गेंहूं के खेत
बुतरु और गोलू ,निखिल कैंची साइकिल चलाते
Holi song गांव के होली गीत फगुआ





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