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शिक्षकों स्थिति और मुर्गे की कहानी

 शिक्षक और परिवर्तन की मिशाल  शिक्षक को परिवर्तन के लिए जाना जाता है। समाज में महत्वपूर्ण परिवर्तन तथा सुधारों के प्रतीक हैं,  शिक्षक |  अब उन शिक्षकों को एक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करनी है , जिनकी सेवा 6 अथवा 8 वर्ष है , हां उन्हें पास करना भी चाहिए क्योंकि वे राष्ट्र निर्माण की नर्सरी तैयार कर रहे हैं।  परन्तु क्या ऐसी परीक्षा जिसमें पिता और पुत्र एक साथ बैठ कर परीक्षा दें |  उसके लिए अतिरिक्त समय , तैयारी और  पुनः समायोजित तैयारी की जरुरत होगी |         सरकारी शिक्षकों का दायित्व  एक सरकारी शिक्षक को  , बाल गणना , जनगणना , मकान गणना , बाढ़ नियंत्रण,  बी एलओ,  सफाई , एमडीएमए ,चुनाव  और भी बहुत कुछ तब जा कर मूल दायित्व बच्चों को गढ़ कर नागरिक बनाना | मुर्गे की कहानी और शिक्षक  जो समस्याएं आती हैं उनकी पटकथा और पृष्ठभूमि होती है। अनायास एक दिन में समस्याएं नहीं आ जाती. .. एक लोक कथा याद आ गई. . एक शानदार मुर्गा था कलंगीदार मस्तक , चमकीले पंख , चमकदार आंखे , मांसल  पैर और वजनदार शरीर  अर्...

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नागरिकों के खाते में भेजा इग्यारह सौ रूपये क्या आप भी पात्र हैं तो जरूर लें लाभ

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नागरिकों के खाते में भेजा इग्यारह सौ रूपये क्या आप भी पात्र हैं तो जरूर लें लाभ


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ ने 6 सितंबर को नागरिकों के खाते में  ११-११ सौ रुपये ट्रांसफर करने का शुभारंभ किया| यह योजना शुरू होने से लगभग पौने दो करोड़ लाभार्थियों को सीधे लाभ मिलेगा | 

अब बात यह है कि कौन - कौन और कैसे इस योजना का लाभार्थी बन सकता है | यदि आप वंचित है ं तो यह समझिये कि " इस लूट की बरसात में आप के सिर पर कम्बख्ती का छाता है "

यदि आप निम्न प्रक्रिया का अनुसरण करें तो आप भी इस प्रक्रिया के लाभार्थी बनकर समय - समय पर सरकार द्वारा अवमुक्त धन राशि जो सीधे हस्तांतरण (DBT)  द्वारा आप के खाते में पहुँच सकती है | 

                    ध्यातव्य है कि उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव सर पर है जिसके मद्देनज़र सरकार परिषदीय विद्यालय में अध्ययन कर रहे बच्चों के अभिभावकों के खाते में सीधे हस्तांतरण (DBT)द्वारा एकमुश्त धन राशि पहुंचनी है | यह अभिनव प्रयोग माननीय मुख्यमंत्री जी ने स्वस्थ मानसिकता से किया है जिसका बहुआयामी लाभ मिलना है | 

पहला तो यह कि सरकार द्वारा लाभार्थी को अव मुक्त धनराशि -सीधे लाभार्थी को मिलेगी, धन का बन्दर बांट रुकेगा | 

दूसरा - गुरु जी का बोझ कम होगा तथा उन से तमाम अनचाही वसूली रुकेगी |

 तीसरा - बच्चों के अभिभावक मनचाहे दुकान से  अच्छी गुणवत्ता की सामग्री (जूता,ड्रेस,बैग)  खरीद सकेंगे |

उपर्युक्त लाभों के अलावा इस स्वास्थ्य योजना के व्यवहारिक जोखिम / हानि भी हैं |

 पहला - जितनी धनराशि जिस सामग्री के लिए निर्धारित है उस  अल्प धनराशि में गुणवत्ता पूर्ण सामग्री नहीं मिल सकती |

दूसरा - अभिभावक उस धनराशि का उपयोग दूसरे मद में कर लेगा |

 तीसरा - गुरु जी पर शासन का दबाव होगा कि बच्चे गणवेश में ही आएं |

चौथा - अभिभावक पर निर्धारित वस्तुओं के खरीद हेतु दबाव नहीं बनाया जा सकता |

 आप को यह बताना आवश्यक है कि कितनी धनराशि किस सामग्री की खरीद हेतु खर्च करनी है -
 सीधे हस्तांतरण (DBT)  के माध्यम से परिषदीय स्कूलों के कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को स्कूल यूनिफॉर्म, जूता- मोजा व बैग के लिए 1100 रुपये दिए जाएंगे। इनमें दो यूनिफॉर्म के लिए 600 रुपये (प्रति यूनिफॉर्म 300 रुपये) , स्वेटर के लिए 200 रुपये, स्कूल बैग के लिए 175 और जूते - मोजे के लिए 125 रुपये दिए जाएंगे। 
    बच्चों के अभिभावकों के खाता व आधार इंट्री का काम गुरु जी लोगों ने संसाधनों के अभाव में भी त्रुटि रहित पूर्ण कर लिया था |
माननीय मुख्यमंत्री जी ने आज 06 नवम्बर को इस योजना का उद्घाटन करते हुए भूरि - भूरि प्रशंसा की |  बेसिक शिक्षा विभाग के विभिन्न अधिकारियों की उपस्थिति व शिक्षकों और अभिभावकों के आनलाईन जुड़े होने के दौरान इस योजना का उद्घाटन करते हुए - अभिभावकों के खाते में ११-११ सौ रूपये डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरण किया |
इस कार्य का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि साढ़े चार वर्ष में बेसिक शिक्षा में अपेक्षित उन्नयन हुआ है|उन्होंने उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि 2017 के बाद नामांकन में वृद्धि हुई है साथ ही साथ स्मार्ट क्लासेस और विद्यालयों के कायाकल्प के अन्तर्गत संसाधनों की समुचित व्यवस्था की गई है | लगभग डेढ़ लाख शिक्षकों की भर्ती को पूरा किया गया है | उन्होंने अपने उद्बोधन के दौरान गोरखपुर, चित्रकूट और वाराणसी के सेवापुरी के प्राथमिक विद्यालयों के विजिट को  साझा करते हुए उन  स्कूलों को माडल स्कूल बताया तथा अनुकरणीय बताया |उन्होंने आगे कहा  कि केवल DBT से धन राशि हस्तांतरण तक ही काम समाप्त नहीं हो जाता  | प्रधानाध्यापक व अध्यापक यह निर्धारित करें कि प्रत्येक बच्चे का अभिभावक गुणवत्ता पूर्ण यूनिफॉर्म, जूता - मोजा व बैग खरीदें | बच्चे को असेंबली में आप निरिक्षण करें कि कौन बच्चे बिना यूनिफॉर्म के है ं उन्हें प्रेरित किया जाए, साफ -सफाई (नाखून, बाल, शरीर व परिसर) 
विशेष ध्यान दिया जाए | बच्चों को संस्कार दिये जाएं , अच्छे आचरण की शिक्षा दी जाए, बच्चों को राष्ट्र नायक और राष्ट्र द्रोही में स्पष्ट अन्तर करने की शिक्षा दी जाए ताकि अच्छे नागरिक बनने की नीवं पड़ सके |
     
       अब देखिए यह प्रयोग कितना सफल हो पाता है |
 इस योजना के लागू होने के  के पूर्व की तस्वीर-





इस योजना के लागू होने के बाद तस्वीर कुछ इस प्रकार होगी--



यदि कोई इस योजना से लाभान्वित होना चाहता है तो अपने पाल्यों  का प्रवेश परिषदीय स्कूलों में कराएं |


 

 


Comments

  1. Yojana ke dono pahlu par bahut satik vishleshan hai aapka .

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