Skip to main content

गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं

गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं  अब तो कागज , खंगाले जा रहे हैं,   पोथियों में दफ्न पुरखे निकाले जा रहे हैं।  जरूरत है सियासत की ,  लोगों  को प्रशिक्षित कर , गड़े मुर्दे उखाड़े जा रहे हैं।  तुम्हारी कौम क्या है , गोत्र क्या है ,  असलीयत क्या है , बे -वजह उचारे जा रहे हैं।  सजग रहना ऐ मूल निवासियों,  तुम्हारे बीच से  ,          विभीषण निकाले जा रहे हैं। विविधता में एकता से , हलकान है सियासत , गुच्छे में बंधे विचार,  बे खौफ पसारे जा रहे हैं।  रंज , रंजिश , रंजय निरखकर , कलम से कर्ज उतारे जा रहे हैं।  अब तो कागज , खंगाले जा रहे हैं,   पोथियों में दफ्न पुरखे निकाले जा रहे हैं।     विरंजय १८/११/२०२५

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नागरिकों के खाते में भेजा इग्यारह सौ रूपये क्या आप भी पात्र हैं तो जरूर लें लाभ

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नागरिकों के खाते में भेजा इग्यारह सौ रूपये क्या आप भी पात्र हैं तो जरूर लें लाभ


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ ने 6 सितंबर को नागरिकों के खाते में  ११-११ सौ रुपये ट्रांसफर करने का शुभारंभ किया| यह योजना शुरू होने से लगभग पौने दो करोड़ लाभार्थियों को सीधे लाभ मिलेगा | 

अब बात यह है कि कौन - कौन और कैसे इस योजना का लाभार्थी बन सकता है | यदि आप वंचित है ं तो यह समझिये कि " इस लूट की बरसात में आप के सिर पर कम्बख्ती का छाता है "

यदि आप निम्न प्रक्रिया का अनुसरण करें तो आप भी इस प्रक्रिया के लाभार्थी बनकर समय - समय पर सरकार द्वारा अवमुक्त धन राशि जो सीधे हस्तांतरण (DBT)  द्वारा आप के खाते में पहुँच सकती है | 

                    ध्यातव्य है कि उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव सर पर है जिसके मद्देनज़र सरकार परिषदीय विद्यालय में अध्ययन कर रहे बच्चों के अभिभावकों के खाते में सीधे हस्तांतरण (DBT)द्वारा एकमुश्त धन राशि पहुंचनी है | यह अभिनव प्रयोग माननीय मुख्यमंत्री जी ने स्वस्थ मानसिकता से किया है जिसका बहुआयामी लाभ मिलना है | 

पहला तो यह कि सरकार द्वारा लाभार्थी को अव मुक्त धनराशि -सीधे लाभार्थी को मिलेगी, धन का बन्दर बांट रुकेगा | 

दूसरा - गुरु जी का बोझ कम होगा तथा उन से तमाम अनचाही वसूली रुकेगी |

 तीसरा - बच्चों के अभिभावक मनचाहे दुकान से  अच्छी गुणवत्ता की सामग्री (जूता,ड्रेस,बैग)  खरीद सकेंगे |

उपर्युक्त लाभों के अलावा इस स्वास्थ्य योजना के व्यवहारिक जोखिम / हानि भी हैं |

 पहला - जितनी धनराशि जिस सामग्री के लिए निर्धारित है उस  अल्प धनराशि में गुणवत्ता पूर्ण सामग्री नहीं मिल सकती |

दूसरा - अभिभावक उस धनराशि का उपयोग दूसरे मद में कर लेगा |

 तीसरा - गुरु जी पर शासन का दबाव होगा कि बच्चे गणवेश में ही आएं |

चौथा - अभिभावक पर निर्धारित वस्तुओं के खरीद हेतु दबाव नहीं बनाया जा सकता |

 आप को यह बताना आवश्यक है कि कितनी धनराशि किस सामग्री की खरीद हेतु खर्च करनी है -
 सीधे हस्तांतरण (DBT)  के माध्यम से परिषदीय स्कूलों के कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को स्कूल यूनिफॉर्म, जूता- मोजा व बैग के लिए 1100 रुपये दिए जाएंगे। इनमें दो यूनिफॉर्म के लिए 600 रुपये (प्रति यूनिफॉर्म 300 रुपये) , स्वेटर के लिए 200 रुपये, स्कूल बैग के लिए 175 और जूते - मोजे के लिए 125 रुपये दिए जाएंगे। 
    बच्चों के अभिभावकों के खाता व आधार इंट्री का काम गुरु जी लोगों ने संसाधनों के अभाव में भी त्रुटि रहित पूर्ण कर लिया था |
माननीय मुख्यमंत्री जी ने आज 06 नवम्बर को इस योजना का उद्घाटन करते हुए भूरि - भूरि प्रशंसा की |  बेसिक शिक्षा विभाग के विभिन्न अधिकारियों की उपस्थिति व शिक्षकों और अभिभावकों के आनलाईन जुड़े होने के दौरान इस योजना का उद्घाटन करते हुए - अभिभावकों के खाते में ११-११ सौ रूपये डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरण किया |
इस कार्य का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि साढ़े चार वर्ष में बेसिक शिक्षा में अपेक्षित उन्नयन हुआ है|उन्होंने उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि 2017 के बाद नामांकन में वृद्धि हुई है साथ ही साथ स्मार्ट क्लासेस और विद्यालयों के कायाकल्प के अन्तर्गत संसाधनों की समुचित व्यवस्था की गई है | लगभग डेढ़ लाख शिक्षकों की भर्ती को पूरा किया गया है | उन्होंने अपने उद्बोधन के दौरान गोरखपुर, चित्रकूट और वाराणसी के सेवापुरी के प्राथमिक विद्यालयों के विजिट को  साझा करते हुए उन  स्कूलों को माडल स्कूल बताया तथा अनुकरणीय बताया |उन्होंने आगे कहा  कि केवल DBT से धन राशि हस्तांतरण तक ही काम समाप्त नहीं हो जाता  | प्रधानाध्यापक व अध्यापक यह निर्धारित करें कि प्रत्येक बच्चे का अभिभावक गुणवत्ता पूर्ण यूनिफॉर्म, जूता - मोजा व बैग खरीदें | बच्चे को असेंबली में आप निरिक्षण करें कि कौन बच्चे बिना यूनिफॉर्म के है ं उन्हें प्रेरित किया जाए, साफ -सफाई (नाखून, बाल, शरीर व परिसर) 
विशेष ध्यान दिया जाए | बच्चों को संस्कार दिये जाएं , अच्छे आचरण की शिक्षा दी जाए, बच्चों को राष्ट्र नायक और राष्ट्र द्रोही में स्पष्ट अन्तर करने की शिक्षा दी जाए ताकि अच्छे नागरिक बनने की नीवं पड़ सके |
     
       अब देखिए यह प्रयोग कितना सफल हो पाता है |
 इस योजना के लागू होने के  के पूर्व की तस्वीर-





इस योजना के लागू होने के बाद तस्वीर कुछ इस प्रकार होगी--



यदि कोई इस योजना से लाभान्वित होना चाहता है तो अपने पाल्यों  का प्रवेश परिषदीय स्कूलों में कराएं |


 

 


Comments

  1. Yojana ke dono pahlu par bahut satik vishleshan hai aapka .

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

इसे साहस कहूँ या बद्तमीजी

इसे साहस कहूँ या     उस समय हम लोग विज्ञान स्नातक (B.sc.) के प्रथम वर्ष में थे, बड़ा उत्साह था ! लगता था कि हम भी अब बड़े हो गए हैं ! हमारा महाविद्यालय जिला मुख्यालय पर था और जिला मुख्यालय हमारे घर से 45 किलोमीटर दूर!  जिन्दगी में दूसरी बार ट्रेन से सफर करने का अवसर मिला था और स्वतंत्र रूप से पहली बार  | पढने में मजा इस बात का था कि हम विज्ञान वर्ग के विद्यार्थी थे, तुलना में कला वर्ग के विद्यार्थियों से श्रेष्ठ माने जाते थे, इस बात का हमें गर्व रहता था! शेष हमारे सभी मित्र कला वर्ग के थे ,हम उन सब में श्रेष्ठ माने जाते थे परन्तु हमारी दिनचर्या और हरकतें उन से जुदा न थीं! ट्रेन में सफर का सपना भी पूरा हो रहा था, इस बात का खुमार तो कई दिनों तक चढ़ा रहा! उसमें सबसे बुरी बात परन्तु उन दिनों गर्व की बात थी बिना टिकट सफर करना   | रोज का काम था सुबह नौ बजे घर से निकलना तीन किलोमीटर दूर अवस्थित रेलवे स्टेशन से 09.25 की ट्रेन पौने दस बजे तक पकड़ना और लगभग 10.45 बजे तक जिला मुख्यालय रेलवे स्टेशन पहुँच जाना पुनः वहाँ से पैदल चार किलोमीटर महाविद्यालय पहुंचना! मतल...

अभिनन्दन पत्र

 अभिनन्दन पत्र     किसी अधिकारी कर्मचारी के स्थानान्तरण /सेवानिवृत्ति  पर एक उपलब्थि पत्र के रुप स्मृति चिन्ह के रुप में  एक आख्यान..       प्रयोजन -  एक शिक्षक विरंजय सिंह यादव ने  विकास खण्ड के समस्त शिक्षकों की तरफ से अपने महबूब (प्रिय ) विद्वान खण्ड शिक्षा अधिकारी डा० अरूण कुमार सिंह  के स्थानान्तरण पर यह पत्र लिखा है | अभिनन्दन पत्र की विशेषता -         अपने अनुशासनिक खण्ड शिक्षा अधिकारी के जनपद मीरजापुर विकास खंड-जमालपुर  , से कौशाम्बी जनपद स्थानान्तरण पर लिखे अभिनन्दन पत्र में  ,अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री प्रभाकर सिंह के आग्रह पर अभिनन्दन पत्र की पंक्तियां  प्र भा क र अक्षर से शुरु होती है ं-- सम्पूर्ण पत्र -     श्रीमान्  डा० अरुण कुमार सिंह   *खण्ड शिक्षा अधिकारी, जमालपुर ,मीरजापुर* सेवारम्भ तिथि 7 जून 2021  प्रथम पदस्थापन- सौभाग्यशाली  ब्लॉक संसाधन केंद्र, जमालपुर मीरजापुर | स्थानान्तरण आदेश- 18 फरवरी  2024    प्रगति प्रेमी ,...

उ कहाँ गइल

!!उ कहाँ गइल!!  रारा रैया कहाँ गइल,  हउ देशी गैया कहाँ गइल,  चकवा - चकइया कहाँ गइल,         ओका - बोका कहाँ गइल,        उ तीन तड़ोका कहाँ गइल चिक्का  , खोखो कहाँ गइल,   हउ गुल्ली डण्डा कहाँ गइल,  उ नरकट- कण्डा कहाँ गइल,           गुच्ची- गच्चा कहाँ गइल,           छुपा - छुपाई कहाँ गइल,   मइया- माई  कहाँ गइल,  धुधुका , गुल्लक कहाँ गइल,  मिलल, भेंटाइल  कहाँ गइल,       कान्ह - भेड़इया कहाँ गइल,       ओल्हापाती कहाँ गइल,  घुघुआ माना कहाँ  गइल,  उ चंदा मामा कहाँ  गइल,      पटरी क चुमउवल कहाँ गइल,      दुधिया क बोलउल कहाँ गइल,   गदहा चढ़वइया कहाँ गइल,   उ घोड़ कुदइया कहाँ गइल!!                  Copy@viranjy