डड़कटवा के विरासत जब सावन आवेला त रोपनी आ खेती जमक जाले , लोग भोरही फरसा (फावड़ा) लेके खेत के हजामत बनावे चल दे ला , ओहमें कुछ लोग स्वभाव से नीच आ हजामत में उच्च कोटि के होला ओहके डड़कटवा (खेत का मेड़ काट कर खेत बढाने की नाजायज चेष्टा रखने वाला व्यक्ति )के नाम से जानल जाला .. डड़कटवा हर गांव में लगभग हर घर में पावल जाले , डड़कटवा किस्म के लोग कई पुहुत (पुश्त) तक एह कला के बिसरे ना देलन , कारण इ होला की उनकर उत्थान -पतन ओही एक फीट जमीन में फंसल रहेला , डड़कटवा लोग एह कला के सहेज (संरक्षित ) करे में सगरो जिनिगी खपा देलें आ आवे वाली अपनी अगली पीढ़ी के भी जाने अनजाने में सीखा देबेलें , डड़कटवा के डाड़ (खेत का मेड़) काट के जेवन विजय के अनुभूति होखे ले , ठीक ओइसने जेइसन पढ़ाकू लइका के केवनो परीक्षा के परिणाम आवे पर पास होइला पर खुशी होखे ले | कुल मिला के जीवन भर डाड़ काट के ओह व्यक्ति की नीचता के संजीवनी मिलेले आ ओकर आत्मा तृप्त हो जाले बाकी ओके भ्रम रहेला की खेत बढ़ गईल , काहे की ,एकगो कहाउत कहल जाले की...
सरकार कोरोना काल में, खण्ड शिक्षा अधिकारी (BEO) परीक्षा कराने हेतु कटिबद्ध है, यह परीक्षा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाएगी, इसका सीटिंग प्लान कोरोना महामारी से पूर्व का तैयार किया गया है और पुनः वही प्रवेश पत्र जारी कर दिया गया है, इस परीक्षा का परिणाम जो आए परन्तु कुछ त्वरित दुष्परिणाम व अव्यवहारिकता व विषमताएं....
1) परीक्षा का दिन रविवार साप्ताहिक सम्पूर्ण लाकडाऊन, यातायात की असुविधा, दो पहिया पर भी एक सवारी की अनुमति महिलाएं कैसे पहुंचेगी परीक्षा केंद्र तक?
2) परीक्षा का समय 12.00बजे पूर्वाह्न से 2.00 अपराह्न(#लागातार_चौदह_घण्टा) का होना!
3) शारीरिक दूरी का पालन न हो पाना
4) मास्क व फेस कवर लगा होने से जांच में असुविधा, जिससे कबूतरबाज आपदा को अवसर में आसानी से तब्दील कर सकेंगे!
5) परीक्षार्थियों का न चाहते हुए भी एक साथ बैठने से संक्रमण का भय!
6) उपस्थिति पंजिका एक दूसरे के पास संक्रमित होते हुए पहुंचेगी...
नोट--इतनी बड़ी परीक्षा से सरकार कोरोना ओपनिंग क्यों करना चाह रही है? इतनी संख्या में युवाओं पर कोरोना ओपनिंग परीक्षा का ट्रायल क्यों ? इसे सरकार की जिद कहें, मजबूरी कहें अथवा बेवकूफी?
#सरकार_बेरोजगारी_समाप्त_करना_चाहती_है_अथवा_बेरोजगार
विशेष- एडमिट कार्ड पर समय 12 बजे रात्रि से सायंकाल 2 बजे तक है परीक्षा समय, यह मुद्रक की मानवीय भूल हो सकती है!
VIRANJAY SINGH
इसे तो सरकार की अदूरदर्शिता ही कहेंगे कि इतनी पाबंदियों के बावजूद भी सरकार परीक्षा कराने जा रही है और मजे कि बात ये कि सारी पाबंदियां खुद सरकार के द्वारा ही लगाई गई है ।
ReplyDeleteजी, असमंजस में है, सभी परीक्षार्थी
ReplyDeleteजी, असमंजस में है, सभी परीक्षार्थी
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