शिक्षक और परिवर्तन की मिशाल शिक्षक को परिवर्तन के लिए जाना जाता है। समाज में महत्वपूर्ण परिवर्तन तथा सुधारों के प्रतीक हैं, शिक्षक | अब उन शिक्षकों को एक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करनी है , जिनकी सेवा 6 अथवा 8 वर्ष है , हां उन्हें पास करना भी चाहिए क्योंकि वे राष्ट्र निर्माण की नर्सरी तैयार कर रहे हैं। परन्तु क्या ऐसी परीक्षा जिसमें पिता और पुत्र एक साथ बैठ कर परीक्षा दें | उसके लिए अतिरिक्त समय , तैयारी और पुनः समायोजित तैयारी की जरुरत होगी | सरकारी शिक्षकों का दायित्व एक सरकारी शिक्षक को , बाल गणना , जनगणना , मकान गणना , बाढ़ नियंत्रण, बी एलओ, सफाई , एमडीएमए ,चुनाव और भी बहुत कुछ तब जा कर मूल दायित्व बच्चों को गढ़ कर नागरिक बनाना | मुर्गे की कहानी और शिक्षक जो समस्याएं आती हैं उनकी पटकथा और पृष्ठभूमि होती है। अनायास एक दिन में समस्याएं नहीं आ जाती. .. एक लोक कथा याद आ गई. . एक शानदार मुर्गा था कलंगीदार मस्तक , चमकीले पंख , चमकदार आंखे , मांसल पैर और वजनदार शरीर अर्...
सरकार कोरोना काल में, खण्ड शिक्षा अधिकारी (BEO) परीक्षा कराने हेतु कटिबद्ध है, यह परीक्षा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाएगी, इसका सीटिंग प्लान कोरोना महामारी से पूर्व का तैयार किया गया है और पुनः वही प्रवेश पत्र जारी कर दिया गया है, इस परीक्षा का परिणाम जो आए परन्तु कुछ त्वरित दुष्परिणाम व अव्यवहारिकता व विषमताएं....
1) परीक्षा का दिन रविवार साप्ताहिक सम्पूर्ण लाकडाऊन, यातायात की असुविधा, दो पहिया पर भी एक सवारी की अनुमति महिलाएं कैसे पहुंचेगी परीक्षा केंद्र तक?
2) परीक्षा का समय 12.00बजे पूर्वाह्न से 2.00 अपराह्न(#लागातार_चौदह_घण्टा) का होना!
3) शारीरिक दूरी का पालन न हो पाना
4) मास्क व फेस कवर लगा होने से जांच में असुविधा, जिससे कबूतरबाज आपदा को अवसर में आसानी से तब्दील कर सकेंगे!
5) परीक्षार्थियों का न चाहते हुए भी एक साथ बैठने से संक्रमण का भय!
6) उपस्थिति पंजिका एक दूसरे के पास संक्रमित होते हुए पहुंचेगी...
नोट--इतनी बड़ी परीक्षा से सरकार कोरोना ओपनिंग क्यों करना चाह रही है? इतनी संख्या में युवाओं पर कोरोना ओपनिंग परीक्षा का ट्रायल क्यों ? इसे सरकार की जिद कहें, मजबूरी कहें अथवा बेवकूफी?
#सरकार_बेरोजगारी_समाप्त_करना_चाहती_है_अथवा_बेरोजगार
विशेष- एडमिट कार्ड पर समय 12 बजे रात्रि से सायंकाल 2 बजे तक है परीक्षा समय, यह मुद्रक की मानवीय भूल हो सकती है!
VIRANJAY SINGH
इसे तो सरकार की अदूरदर्शिता ही कहेंगे कि इतनी पाबंदियों के बावजूद भी सरकार परीक्षा कराने जा रही है और मजे कि बात ये कि सारी पाबंदियां खुद सरकार के द्वारा ही लगाई गई है ।
ReplyDeleteजी, असमंजस में है, सभी परीक्षार्थी
ReplyDeleteजी, असमंजस में है, सभी परीक्षार्थी
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