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डा० भीमराव अंबेडकर और वर्तमान

 बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर और वर्तमान भारतीय समाज  बाबा साहब  समाज में सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों के सबसे बड़े पुरोधा माने जाते हैं। उनका जीवन संघर्ष व दलितों के अधिकारों के लिए समर्पण और भारतीय संविधान में उनके योगदान ने उन्हें सामाजिक क्रांति का सिम्बल बना दिया है। वर्तमान भारतीय राजनीति में उनका नाम अक्सर उद्धृत किया जाता है, परन्तु क्या आज की राजनीति उनके विचारों के अनुरूप चल रही है? क्या जातिवाद अब भी भारतीय समाज की जड़ में है? आइए इस पर एक स्वस्थ विमर्श करें. .. 1. बाबा साहब अम्बेडकर के विचार और उनका महत्त्व जाति व्यवस्था पर उनका दृष्टिकोण 'एनिहिलेशन ऑफ कास्ट' का विश्लेषण भारतीय संविधान में सामाजिक समानता का समावेश आरक्षण नीति की अवधारणा 2. वर्तमान भारतीय राजनीति में अम्बेडकर के विचारों की प्रासंगिकता राजनीतिक दलों द्वारा अम्बेडकर का प्रतीकात्मक प्रयोग सामाजिक न्याय बनाम चुनावी राजनीति आरक्षण की राजनीति और उसका दुरुपयोग दलित नेतृत्व का उदय और उसकी सीमाएँ 3. जातिवाद: आज भी जीवित और प्रबल आधुनिक भारत में जातिवाद के नए रूप शिक्षा, नौकरियों और न्याय व्यवस्था ...

लागातार चौदह घंटे चलेगी BEO ( खण्ड शिक्षा अधिकारी ) परीक्षा

सरकार कोरोना काल में, खण्ड शिक्षा अधिकारी (BEO) परीक्षा कराने हेतु कटिबद्ध है, यह परीक्षा उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाएगी, इसका सीटिंग प्लान कोरोना महामारी से पूर्व का तैयार किया गया है और पुनः वही प्रवेश पत्र जारी कर दिया गया है, इस परीक्षा का परिणाम जो आए परन्तु कुछ त्वरित दुष्परिणाम व अव्यवहारिकता व विषमताएं.... 
1) परीक्षा का दिन रविवार साप्ताहिक सम्पूर्ण लाकडाऊन, यातायात की असुविधा, दो पहिया पर भी एक सवारी की अनुमति महिलाएं कैसे पहुंचेगी परीक्षा केंद्र तक? 

2) परीक्षा का समय 12.00बजे पूर्वाह्न से 2.00 अपराह्न(#लागातार_चौदह_घण्टा) का होना! 
3) शारीरिक दूरी का पालन न हो पाना 
4) मास्क व फेस कवर लगा होने से  जांच में असुविधा, जिससे कबूतरबाज आपदा को अवसर में आसानी से तब्दील कर सकेंगे! 
5) परीक्षार्थियों का न चाहते हुए भी एक साथ बैठने से संक्रमण का भय! 
6)  उपस्थिति पंजिका एक दूसरे के पास संक्रमित होते हुए पहुंचेगी... 
  
नोट--इतनी बड़ी परीक्षा से सरकार  कोरोना ओपनिंग क्यों करना चाह रही है? इतनी संख्या में युवाओं पर कोरोना ओपनिंग परीक्षा का ट्रायल क्यों  ? इसे सरकार की जिद कहें, मजबूरी कहें अथवा बेवकूफी? 
#सरकार_बेरोजगारी_समाप्त_करना_चाहती_है_अथवा_बेरोजगार


विशेष- एडमिट कार्ड पर समय 12 बजे रात्रि से सायंकाल 2   बजे तक है परीक्षा समय, यह मुद्रक की मानवीय भूल हो सकती है! 





VIRANJAY SINGH

Comments

  1. इसे तो सरकार की अदूरदर्शिता ही कहेंगे कि इतनी पाबंदियों के बावजूद भी सरकार परीक्षा कराने जा रही है और मजे कि बात ये कि सारी पाबंदियां खुद सरकार के द्वारा ही लगाई गई है ।

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  2. जी, असमंजस में है, सभी परीक्षार्थी

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  3. जी, असमंजस में है, सभी परीक्षार्थी

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