स्कूल" स्कूलों का मर्जर : वंचितों से छीनी जा रही है शिक्षा की आखिरी उम्मीद — एक सामाजिक, शैक्षिक और नैतिक समीक्षा "शिक्षा एक शस्त्र है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं" — नेल्सन मंडेला। लेकिन क्या हो जब वह शस्त्र वंचितों के हाथ से छीन लिया जाए? उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) की नीति न केवल शिक्षा का ढांचा बदल रही है, बल्कि उन बच्चों की उम्मीदों को भी कुचल रही है जिनके पास स्कूल ही एकमात्र रोशनी की किरण था। 1. मर्जर की वजहें – प्रशासनिक या जनविरोधी? amazon क्लिक करे और खरीदें सरकार यह कहती है कि बच्चों की कम संख्या वाले विद्यालयों का विलय करना व्यावसायिक और प्रशासनिक दृष्टि से उचित है। पर यह सवाल अनुत्तरित है कि – क्या विद्यालय में छात्र कम इसलिए हैं क्योंकि बच्चों की संख्या कम है, या इसलिए क्योंकि व्यवस्थाएं और भरोसा दोनों टूट चुके हैं? शिक्षक अनुपात, अधूरी भर्तियाँ, स्कूलों की बदहाली और गैर-शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की नियुक्ति — क्या यह स्वयं सरकार की नीति की विफलता नहीं है? 2. गांवों के बच्चों के लिए स्कूल ...
मन की गलतफहमी
एक दिन माँ का फोन आया, फोन पर माँ ने ऐसी खबर सुनाई की मेघना झूम उठी , माँ ने कहा शिशिर की शादी सिमरन से तय हो गयी है, जो अगले माह है, लड़की शिशिर को भी पसंद आ गयी है! अगले महीने शिशिर और सिमरन की शादी धूमधाम से हुई, मेघना भी अपनी एक वर्ष की बिटिया के साथ आई और शादी के सभी रश्मों में शरीक़ हुई, परन्तु अपने घर में अकेले होने के कारण उसे जल्दी ही जना पड़ा! इधर शिशिर और सिमरन का वैवाहिक जीवन सही से चलने लगा! परन्तु शिशिर के आर्मी में होने के कारण छुट्टी समाप्त कर जल्दी ही भटिंडा बार्डर चला गया जहाँ उसकी पोस्टिंग थी!
बार्डर की ड्यूटी होने के कारण सिमरन न जा सकी वह माँ के साथ घर पर रह गयी !
मेघना माँ से कुछ दिन अन्तराल पर फोन से बात कर सब समाचार प्राप्त कर लेती , एक दिन मेघना ने माँ से पूछा भाभी क्या कर रही हैं, तो माँ ने कहा टीवी देख रही होगी, काम ही क्या है बस नाश्ता बनाना होता है, कामवाली है, कुछ काम मैं भी कर लेती हूँ! मेघना ने कहा माँ भाभी से कहो कहीं पार्ट टाइम जाब ढूँढ ले ताकि उसका मन लगा रहेगा और अकेलापन भी दूर हो जाएगा, तुम बात करके बताना मैं सहयोग करुंगी अगर वह तैयार होंगी तो, माँ ने कहा ठीक है मैं बात करके फोन करुंगी!
इसके बाद मेघना अपनी बेटी और व्यस्तता के कारण फोन न कर सकी और माँ का भी कोई फोन न आया!
एक दिन अचानक फोन की घण्टी बजी उधर से माँ की आवाज थी सब समाचार होने के बाद मेघना ने माँ से पूछा क्या आप ने भाभी से बात
की माँ ने कहा हां वही बताने के लिए फोन की हूँ, उस दिन बहू हमलोगों की फोन पर हो रही बात सुन रही थी और अगले दिन कामवाली को हटा दी और सारे काम स्वयं करने लगी ! मेघना ने कहा उन्हें गलतफहमी हो गई होगी आपने उनसे बात करके गलतफहमी दूर क्यों नहीं की , माँ ने कहा मैंने उससे बात की और उसकी गलतफहमी दूर की पूरी बात बताई तो वह समझदार है समझ गयी और उसकी एक टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन भी करा दी हूं !
तो ध्यान रखें गलतफहमी न रखें बातचीत से दूर कर लें, कम्यनिकेशन गैप न करें, बातचीत करें मनमुटाव न रखें...
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Nice
ReplyDeleteउत्साह वर्धन हेतु धन्यवाद
Deleteप्रेरणादायक प्रसंग। बहुत ही अच्छा प्रयास।
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