डड़कटवा के विरासत जब सावन आवेला त रोपनी आ खेती जमक जाले , लोग भोरही फरसा (फावड़ा) लेके खेत के हजामत बनावे चल दे ला , ओहमें कुछ लोग स्वभाव से नीच आ हजामत में उच्च कोटि के होला ओहके डड़कटवा (खेत का मेड़ काट कर खेत बढाने की नाजायज चेष्टा रखने वाला व्यक्ति )के नाम से जानल जाला .. डड़कटवा हर गांव में लगभग हर घर में पावल जाले , डड़कटवा किस्म के लोग कई पुहुत (पुश्त) तक एह कला के बिसरे ना देलन , कारण इ होला की उनकर उत्थान -पतन ओही एक फीट जमीन में फंसल रहेला , डड़कटवा लोग एह कला के सहेज (संरक्षित ) करे में सगरो जिनिगी खपा देलें आ आवे वाली अपनी अगली पीढ़ी के भी जाने अनजाने में सीखा देबेलें , डड़कटवा के डाड़ (खेत का मेड़) काट के जेवन विजय के अनुभूति होखे ले , ठीक ओइसने जेइसन पढ़ाकू लइका के केवनो परीक्षा के परिणाम आवे पर पास होइला पर खुशी होखे ले | कुल मिला के जीवन भर डाड़ काट के ओह व्यक्ति की नीचता के संजीवनी मिलेले आ ओकर आत्मा तृप्त हो जाले बाकी ओके भ्रम रहेला की खेत बढ़ गईल , काहे की ,एकगो कहाउत कहल जाले की...
भोजपुरी शब्द संसार
भोजपुरी अपने आप में समृद्ध साहित्य और विभेदित शब्द चयन की विधा समेटे हुए है , अन्य भाषाओं की तुलना में भोजपुरी का शब्द संसार प्रयोग की दृष्टि से विशाल और व्यापक है , हर शब्द का अलग भाव और बोलते समय विभेदित भावभंगिमा भी होती है , जिसका प्रयोग चिकित्सा क्षेत्र में शब्द समझ रखने वाले चिकित्सक से साझा कर रोग निदान में कर सकते हैं।
जैसे अंग्रेजी के Pain (दर्द )की भोजपुरी व्याख्या और शब्द प्रयोग |
अंग्रेजी के पेन (pain) दर्द का भोजपुरी शब्द विभेद -
शरीर में कही पीड़ा हो तो अंग्रेजी में उसे पेन (pain )कह कर हम उसे व्यक्त करते हैं, परन्तु भोजपुरी भाषी लोगों की हर पीड़ा का अलग भाव प्रदर्शन है ...
जैसे ...
दरद बा
बथत बा
बेधत बा
छेदत बा
गड़त बा
चुभत बा
टभकत बा
तलफत बा
भभात बा
छर छरात बा
परपरात बा
झिन झिनात बा
अंगरत बा
चनकत बा
बनबनात बा
इन शब्दों का प्रयोग अलग -अलग प्रकार की पीड़ा के लिए होता है |
यह भोजपुरी की समृद्ध परम्परा के लिए शब्द प्रयोग है ||
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