स्कूल" स्कूलों का मर्जर : वंचितों से छीनी जा रही है शिक्षा की आखिरी उम्मीद — एक सामाजिक, शैक्षिक और नैतिक समीक्षा "शिक्षा एक शस्त्र है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं" — नेल्सन मंडेला। लेकिन क्या हो जब वह शस्त्र वंचितों के हाथ से छीन लिया जाए? उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) की नीति न केवल शिक्षा का ढांचा बदल रही है, बल्कि उन बच्चों की उम्मीदों को भी कुचल रही है जिनके पास स्कूल ही एकमात्र रोशनी की किरण था। 1. मर्जर की वजहें – प्रशासनिक या जनविरोधी? amazon क्लिक करे और खरीदें सरकार यह कहती है कि बच्चों की कम संख्या वाले विद्यालयों का विलय करना व्यावसायिक और प्रशासनिक दृष्टि से उचित है। पर यह सवाल अनुत्तरित है कि – क्या विद्यालय में छात्र कम इसलिए हैं क्योंकि बच्चों की संख्या कम है, या इसलिए क्योंकि व्यवस्थाएं और भरोसा दोनों टूट चुके हैं? शिक्षक अनुपात, अधूरी भर्तियाँ, स्कूलों की बदहाली और गैर-शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की नियुक्ति — क्या यह स्वयं सरकार की नीति की विफलता नहीं है? 2. गांवों के बच्चों के लिए स्कूल ...
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डॉ ०झबलू राम राजभाषा सलाहकार
गाजीपुर के लाल ताइवान के साथ मिलकर गुजरात के भूकम्प के गूढ़ रहस्यों को जाने 4 वर्ष पूर्व-
वर्ष 2018 में शुरू हुआ था यह प्रोजेक्ट-
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय हरियाणा के जियो फिजिक्स विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डा० राम बिचार यादव की प्रतिभा के चलते उन्हें गुजरात में चलने वाले एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का कोआर्डिनेटर बनाया गया है |
इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 70 लाख रुपये निर्धारित की गई थी |
प्रोजेक्ट की लागत से कई गुना अधिक लाभ होने वाला है इस प्रोजेक्ट की सफलता के उपरांत |
इस प्रोजेक्ट में सहयोग
इस अन्तर्राष्ट्रीय प्रोजेक्ट में डा० आरबीएस यादव के साथ भारतीय भूकम्प अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक ताइवान के महत्वपूर्ण केन्द्रीय विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व ताइवान के भूकंप केन्द्र के वैज्ञानिक भी सहयोग करेंगे |
इस अनुसंधान के क्षेत्र
गुजरात के कच्छ में लागातार उच्च स्केल के भूकम्प आने से धन -जन की अपार क्षति होती है जिससे वहाँ आम जनजीवन दुभर हो जाता है |
डॉ० यादव की टीम को उस भूकम्प क्षेत्र का गहन अध्ययन करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है |
इससे इस क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले भूकम्प की प्रकृति व कारण तथा क्षमता के साथ उसके आने की भविष्यवाणी भी की जा सकेगी |
इस शोध के दौरान जब भूकम्प की प्रकृति और कारण का पता चल जाएगा तो उसके अनुरूप भूकम्प रोधी घर बनाए जा सकेंगे |
Professor Dr R B S Yadav
प्रोफेसर डा० आरबीएस यादव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद के बाराचवर ब्लॉक अन्तर्गत पातेपुर गाँव के निवासी हैं |
प्रोफेसर आरबीएस यादव के पिता श्री ब्रह्मानन्द यादव एक किसान हैं |
डा० यादव की शिक्षा- दीक्षा गाँव से ही हार्टमन इण्टर कालेज हार्टमनपुर में सम्पन्न हुई |
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हार्टमनपुर से बारहवीं पास करने के उपरांत उच्च शिक्षा ग्रहण करने वे गाजीपुर शहर के स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाजीपुर चले गए |
डॉ० यादव के दसवीं और बारहवीं के अंक गणित - विज्ञान में डिक्टेंशन थे | गुरुजनों ने खूब पीठ थपथपाई व क्षेत्र में चर्चा का विषय रहा |
गाजीपुर पी०जी० कालेज से इन्होंने विज्ञान स्नातक की उपाधि प्रथम श्रेणी में डिक्टेशन के साथ प्राप्त की |
तत्पश्चात इन्होंने ने आगे की शिक्षा के लिए सर्वविद्या की राजधानी काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के तरफ रुख किया और वहाँ भूगर्भ विज्ञान में उपाधि हासिल करने के उपरांत |इनका चयन संघ लोक सेवा आयोग के तहत भू - वैज्ञानिक के रुप में हुआ | फिर इन्होंने डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त कर और कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी में जियो फिजिक्स विभाग में सहायक आचार्य (असिस्टेंट प्रोफेसर) के रुप में चयनित हुए |
परन्तु आज भी वे अपने नवीन शोधों और प्रतिभा से गाँव और देश का नाम रोशन करते रहते हैं |
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