शिक्षक और परिवर्तन की मिशाल शिक्षक को परिवर्तन के लिए जाना जाता है। समाज में महत्वपूर्ण परिवर्तन तथा सुधारों के प्रतीक हैं, शिक्षक | अब उन शिक्षकों को एक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करनी है , जिनकी सेवा 6 अथवा 8 वर्ष है , हां उन्हें पास करना भी चाहिए क्योंकि वे राष्ट्र निर्माण की नर्सरी तैयार कर रहे हैं। परन्तु क्या ऐसी परीक्षा जिसमें पिता और पुत्र एक साथ बैठ कर परीक्षा दें | उसके लिए अतिरिक्त समय , तैयारी और पुनः समायोजित तैयारी की जरुरत होगी | सरकारी शिक्षकों का दायित्व एक सरकारी शिक्षक को , बाल गणना , जनगणना , मकान गणना , बाढ़ नियंत्रण, बी एलओ, सफाई , एमडीएमए ,चुनाव और भी बहुत कुछ तब जा कर मूल दायित्व बच्चों को गढ़ कर नागरिक बनाना | मुर्गे की कहानी और शिक्षक जो समस्याएं आती हैं उनकी पटकथा और पृष्ठभूमि होती है। अनायास एक दिन में समस्याएं नहीं आ जाती. .. एक लोक कथा याद आ गई. . एक शानदार मुर्गा था कलंगीदार मस्तक , चमकीले पंख , चमकदार आंखे , मांसल पैर और वजनदार शरीर अर्...
दर्ज होनी चाहिए प्राथमिकी
आए दिन अखबारों / मिडिया की विश्वसनीयता पर उठ रहा है प्रश्न चिन्ह |
अखबार हो या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया किसी भी खबर की बिना पड़ताल किए सनसनी बनाने अथवा टीआरपी बढाने के लिए झूठी खबरें प्रकाशित और प्रसारित कर रहे हैं |
हर व्यक्ति इन विधर्मी मीडिया वालों की खबरों का मण्डन करने में संलिप्त है |
खबरों की पड़ताल तो सम्बंधित व्यक्ति ही कर सकता है |
परन्तु यह कटिंग प्रदेश के सभी शिक्षक समूहों में तैर रही है (सबसे अविश्वसनीय माध्यम सोशलमीडिया / ह्वाट्सएप यूनिवर्सिटी ) |
कौन बताएगा प्रदेश भर के लोगों को की नहीं अधिकारी इसमें संलिप्त नहीं है ं, और कौन विश्वास करेगा |
वाकया है मीरजापुर जनपद के बेसिक शिक्षा विभाग का चुनाव के समय शिक्षा क्षेत्र जमालपुर अन्तर्गत अलग - अलग तीन विद्यालयों पर नियुक्त शिक्षिकाओं क्रमशः अनामिका चौरसिया, राधा और मीनू सिंह का जिसके ऊपर एक कथित सम्मानित समाचार पत्र ने आरोप लगाते हुए खबर प्रकाशित की है कि उपर्युक्त अध्यापिकाएं वर्षो से अनुपस्थित हैं और वेतन भुगतान हो रहा है |
परन्तु एक आरोप सही है कि ये अध्यापिकाएं अनुपस्थित हैं परन्तु यह आरोप निराधार और असत्य है कि इनका वेतन भुगतान हो रहा है |
क्योंकि एक पत्रक जो श्रीमान खण्ड शिक्षा अधिकारी जमालपुर द्वारा विधानसभा चुनाव 2022 के समय तत्कालीन निर्वाचन अधिकारी को प्रेषित है कि उपर्युक्त शिक्षिकाएं लम्बी अवधि से अनुपस्थित हैं और इनका वेतन अवरुद्ध है| जो यह साबित करता है कि वेतन भुगतान नहीं हो रहा है और यह प्रकरण विभाग के संज्ञान में है |
अत: कथित सम्मानित समाचार पत्र द्वारा प्रकाशित खबर से सम्पूर्ण बेसिक शिक्षा विभाग व शिक्षक समाज की मानहानि हुई है |
लिहाजा इस खबर की सही से पड़ताल होनी चाहिए अगर खबर असत्य हो तो उपर्युक्त समाचार पत्र के सम्पादक /ब्यूरो प्रमुख अथवा जिम्मेदार पर प्राथमिकी क्यों न दर्ज कराई
जाए | जिससे इस अनुचित व्यवहार की पुनरावृत्ति न हो | परन्तु अगर खबर सत्य हो तो सम्बंधित जिम्मेदार को दण्डित किया जाना चाहिए |
पत्रकारिता का गिरता स्तर लोकतंत्र व समाज के लिए खतरा है |
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