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डड़कटवा के विरासत

 डड़कटवा के विरासत जब सावन आवेला त रोपनी आ खेती जमक जाले , लोग भोरही फरसा (फावड़ा) लेके खेत के हजामत बनावे चल दे ला , ओहमें कुछ लोग स्वभाव से नीच आ हजामत में उच्च कोटि के होला ओहके डड़कटवा (खेत का मेड़ काट कर खेत बढाने की नाजायज चेष्टा रखने वाला व्यक्ति )के नाम  से जानल जाला .. डड़कटवा हर गांव में  लगभग हर घर में  पावल जाले , डड़कटवा किस्म के लोग कई पुहुत (पुश्त) तक एह कला के बिसरे ना देलन  , कारण इ होला की उनकर उत्थान -पतन ओही एक फीट जमीन में  फंसल  रहेला  , डड़कटवा लोग एह कला के सहेज (संरक्षित ) करे में सगरो जिनिगी खपा देलें आ आवे वाली अपनी अगली पीढ़ी के भी जाने अनजाने में सीखा देबेलें , डड़कटवा के  डाड़ (खेत का मेड़) काट के जेवन विजय के अनुभूति होखे ले , ठीक ओइसने जेइसन  पढ़ाकू लइका के केवनो परीक्षा के परिणाम आवे पर पास होइला पर खुशी होखे ले |       कुल मिला के जीवन भर डाड़ काट के ओह व्यक्ति की नीचता के संजीवनी  मिलेले आ ओकर आत्मा तृप्त हो जाले बाकी ओके भ्रम रहेला की खेत बढ़ गईल , काहे की ,एकगो कहाउत कहल जाले की...

लोक कलाओं के उन्नयन हेतु पहुँच गये दुबई

 


लोक गायक लोकगायन के उन्नयन हेतु पहुँच गये दुबई--

दुबई एक्सपो  का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात में 10 दिसम्बर से 23 दिसम्बर तक  सुनिश्चित है | दुबई एक्सपो एक ऐसा मंच है जहां दुनिया भर के लोग अपनी विशिष्ट प्रतिभाओं का प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित किए जाते हैं विश्व पटल पर उसका नाम है|संस्कृति निदेशालय  की ओर से  डा० मन्नू यादव (प्रबन्धसहनिदेशक)  राष्ट्रीय बिरहा अकादमी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई  | डॉ० मन्नू यादव  को वहां बिरहा खड़ी बिरहा लोरिक,  पूर्वी छपरहिया ,कहरवा, दादरा, विरहिनी कजरी मिर्जापुरी कजरी  ,कजरी देशभक्ति गीत ,रामायण, महाभारत के कथानकों पर गीत प्रस्तुत करने का अवसर  मिलेगा |इस एक्सपो में आजादी के बाद  बिरहा के रूप में प्रतिनिधित्व करने वाले पहले  लोकगायक हैं  डॉ यादव जो अपनी टीम के साथ रवाना हो गए हैं।   उत्तर प्रदेश सरकार और संस्कृति निदेशालय का बहुत - बहुत आभार जो उसने लोकसंस्कृति व लोककला के संरक्षण व संवर्धन हेतु डॉ ०साहब को यह दायित्व सौंपा |

       आपको बताते चलें कि डॉ० मन्नू बेसिक शिक्षा परिषद में अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं | उनके इस दायित्व निर्वहन से बेसिक शिक्षा विभाग का भी गौरव बढ़ाया   है |     इस बाबत डॉ मन्नू से सम्पर्क करने पर 

वे बताते हैं कि मैं एक छोटा सा आदमी हूं जो इस बिरहा के कारवां को आगे बढ़ा रहा हूं दिन प्रतिदिन परम पूज्य स्व० रामधारी सिंह यादव गुरु जी सहित पदमश्री हीरालाल यादव जी और स्व० राम कैलाश यादव जी को सच्ची श्रद्धांजलि दुबई एक्सपो में भागदारी होगी और जीवन पर्यंत लोकगायन के संवर्धन संरक्षण और उन्नयन का कार्य चलता रहेगा ||

Comments

  1. डॉ साहब की भाषा में साहित्य झलकता है व इनका लोक गायन लोक विधा वो बिरहा के लिए मील का पत्थर साबित होगा |

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