स्कूल" स्कूलों का मर्जर : वंचितों से छीनी जा रही है शिक्षा की आखिरी उम्मीद — एक सामाजिक, शैक्षिक और नैतिक समीक्षा "शिक्षा एक शस्त्र है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं" — नेल्सन मंडेला। लेकिन क्या हो जब वह शस्त्र वंचितों के हाथ से छीन लिया जाए? उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) की नीति न केवल शिक्षा का ढांचा बदल रही है, बल्कि उन बच्चों की उम्मीदों को भी कुचल रही है जिनके पास स्कूल ही एकमात्र रोशनी की किरण था। 1. मर्जर की वजहें – प्रशासनिक या जनविरोधी? amazon क्लिक करे और खरीदें सरकार यह कहती है कि बच्चों की कम संख्या वाले विद्यालयों का विलय करना व्यावसायिक और प्रशासनिक दृष्टि से उचित है। पर यह सवाल अनुत्तरित है कि – क्या विद्यालय में छात्र कम इसलिए हैं क्योंकि बच्चों की संख्या कम है, या इसलिए क्योंकि व्यवस्थाएं और भरोसा दोनों टूट चुके हैं? शिक्षक अनुपात, अधूरी भर्तियाँ, स्कूलों की बदहाली और गैर-शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की नियुक्ति — क्या यह स्वयं सरकार की नीति की विफलता नहीं है? 2. गांवों के बच्चों के लिए स्कूल ...
आइएमएस बीएचयू का सीसीआई लैब बेचने की तैयारी
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित सर सुन्दरलाल चिकित्सालय में हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. डॉ ओमशंकर ने फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर कर आईएमएस बीएचयू के अधिकारियों पर सेंटर फॉर क्लीनिकल इन्वेस्टिगेशन (सीसीआई) लैब को बेचने की तैयारी करने का आरोप लगाया है।
डॉ शंकर का कहना है कि सीसीआई लैब(CCI LAB) आइएमएस बीएचयू (IMS BHU)का एकीकृत परीक्षण केन्द्र है जो लम्बे समय से क्लिनिकल इन्वेस्टिगेशन का काम कर रहा था |
बीएचयू में प्रदेश तथा अन्य प्रदेशों के मरीज यहाँ उपचार के लिए आते हैं परन्तु संसाधनों की कमी के कारण लम्बी -लम्बी कतारों से परेशान होकर बीएचयू (BHU)आना ही नहीं चाहते |
प्रो. ओमशंकर ने लिखा कि " रोज इलाज को आने वाले हजारों मरीजों की सबसे बड़ी समस्या लंबी-लंबी लाइन और जांच में पूरे दिन भटकने में गुजर जाना है। कई लोग इसी डर से बीएचयू में चाहते हुए भी इलाज करवाने नहीं आते हैं। इन्हीं सबके बीच एक विभाग तेजी से विकसित हो रहा है, जिसे लैब मेडिसिन कहा जाता है। इसी तरह स्मार्ट लैब भी आ गई है। जिसमें पलक झपकते ही, एक ही जगह एक ही संकलित सैंपल से सैकड़ों टेस्ट कर डालते हैं"
डॉ साहब ने जो कहा सही कहा आज नित नए - नए शोध हो रहे हैं जिससे यह सम्भव हो सका है कि स्मार्ट लैब बनाई जाए उच्च तकनीकी की मशीनें लगें जहाँ अधिक से अधिक नमूनों का संग्रह कर कम समय में सटीक निदान किया जा सके |
उन्होंने अपनी पोस्ट में कहा है कि एक तकनीकी तेजी से विकसित हो रही है" लैब मेडिसिन" जो स्मार्ट लैब है|
लैब को अपडेट करने के बजाय आइएमएस बीएचयू के अधिकारी इसको बेचने की तैयारी कर लिए हैं |
डॉ ओमशंकर(Dr Omshankar) के इस सोशलमीडिया पोस्ट को खूब शेयर किया जा रहा है |
विभिन्न समाचार पत्रों ने भी इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया तथा समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों ने आइएमएस के पीआरओ डॉ. राजेश सिंह से इस बाबत बात की तो उन्होंने लैब को बेचने का आरोप गलत बताया उन्होंने कहा कि लैब को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप शि )माडल पर संचालित करने की तैयारी है |
पीपीपी माडल का सच यह है कि मकान आपका और आप किरायेदार रख लें और किराया वसूलें | सरकारी संस्थान के किसी विंग को किराए पर देना वर्तमान सरकार की प्रबंधन विफलता का नमूना है | डॉ राजेश सिंह ने कहा की जिस तरह से एमआरआई केन्द्र पीपीपी माडल पर संचालित हो रहा उसी तरह यह भी संचालित होगा एम आर आई सेंटर का सच यह है कि फिर शुल्क लगभग प्राइवेट के बराबर व आपकी बारी एक माह बाद आएगी | रेलवे को बेचने के बाद प्लेटफार्म टिकट 10 से सीधे 50 @₹ | अब आप स्वयं बताइये की डॉ ० ओम शंकर के आरोप बेबुनियाद है?
अभी तक गरीब से गरीब व्यक्ति सस्ते, सरल व सुलभ इलाज के लिए बीएचयू आता था |
अब निजीकरण के बाद क्या इलाज के लिए सोच पाएगा |
जब तक लोग जानेंगे देर हो गई रहेगी
ReplyDeleteThik nahin hai
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