बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर और वर्तमान भारतीय समाज बाबा साहब समाज में सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों के सबसे बड़े पुरोधा माने जाते हैं। उनका जीवन संघर्ष व दलितों के अधिकारों के लिए समर्पण और भारतीय संविधान में उनके योगदान ने उन्हें सामाजिक क्रांति का सिम्बल बना दिया है। वर्तमान भारतीय राजनीति में उनका नाम अक्सर उद्धृत किया जाता है, परन्तु क्या आज की राजनीति उनके विचारों के अनुरूप चल रही है? क्या जातिवाद अब भी भारतीय समाज की जड़ में है? आइए इस पर एक स्वस्थ विमर्श करें. .. 1. बाबा साहब अम्बेडकर के विचार और उनका महत्त्व जाति व्यवस्था पर उनका दृष्टिकोण 'एनिहिलेशन ऑफ कास्ट' का विश्लेषण भारतीय संविधान में सामाजिक समानता का समावेश आरक्षण नीति की अवधारणा 2. वर्तमान भारतीय राजनीति में अम्बेडकर के विचारों की प्रासंगिकता राजनीतिक दलों द्वारा अम्बेडकर का प्रतीकात्मक प्रयोग सामाजिक न्याय बनाम चुनावी राजनीति आरक्षण की राजनीति और उसका दुरुपयोग दलित नेतृत्व का उदय और उसकी सीमाएँ 3. जातिवाद: आज भी जीवित और प्रबल आधुनिक भारत में जातिवाद के नए रूप शिक्षा, नौकरियों और न्याय व्यवस्था ...
मशहूर विचारक और लेखक चेतन भगत के विचार से हम पूरी तरह से सहमत हैं, आप हमें अवगत कराएं....
आज की युवा पीढ़ी फोन और स्मार्ट फोन की लत में ऐसी पड़ी की धंसती जा रही है, पब जी की तरह की गेम, सोशलमीडिया तथा फोन आधारित विभिन्न बैड मनोरंजन के साधन तथा स्वत: , अकारण, ऐसे ही,कुछ नहीं, बस यूँ ही जैसे शब्दों के साथ फोन पर भिड़े रहना लगभग 4 से पांच घंटे गंवाना क्या यह भारत निर्माण के लक्षण नहीं, इसलिए हमें चेतन भगत के विचारों से सहमत होना होगा....
आप अपने विचार से अवगत कराएं...
Kisi bhi bat ki ati nuksan karegi hi karegi
ReplyDeleteजी सत्य कहा आप ने
Delete1.5 से 2 जीबी डेटा इसीलिए दिया जा रहा है कि आप इन्हीं मुद्दों पर सोचें।
ReplyDeleteयही मुफ्त डेटा हानिकारक भी है.. ,
DeleteAgree
ReplyDeleteProud
DeleteSahamat h ham bhi
ReplyDeleteSir aap aise hi desh Pradesh aur samaj ke muddo ko likhate rahiye
ReplyDeleteजी आप ऐसे प्रोत्साहन प्रेषित करते हैं, इसलिए हम लिखते हैं...
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