डड़कटवा के विरासत जब सावन आवेला त रोपनी आ खेती जमक जाले , लोग भोरही फरसा (फावड़ा) लेके खेत के हजामत बनावे चल दे ला , ओहमें कुछ लोग स्वभाव से नीच आ हजामत में उच्च कोटि के होला ओहके डड़कटवा (खेत का मेड़ काट कर खेत बढाने की नाजायज चेष्टा रखने वाला व्यक्ति )के नाम से जानल जाला .. डड़कटवा हर गांव में लगभग हर घर में पावल जाले , डड़कटवा किस्म के लोग कई पुहुत (पुश्त) तक एह कला के बिसरे ना देलन , कारण इ होला की उनकर उत्थान -पतन ओही एक फीट जमीन में फंसल रहेला , डड़कटवा लोग एह कला के सहेज (संरक्षित ) करे में सगरो जिनिगी खपा देलें आ आवे वाली अपनी अगली पीढ़ी के भी जाने अनजाने में सीखा देबेलें , डड़कटवा के डाड़ (खेत का मेड़) काट के जेवन विजय के अनुभूति होखे ले , ठीक ओइसने जेइसन पढ़ाकू लइका के केवनो परीक्षा के परिणाम आवे पर पास होइला पर खुशी होखे ले | कुल मिला के जीवन भर डाड़ काट के ओह व्यक्ति की नीचता के संजीवनी मिलेले आ ओकर आत्मा तृप्त हो जाले बाकी ओके भ्रम रहेला की खेत बढ़ गईल , काहे की ,एकगो कहाउत कहल जाले की...
आज जिला बलिया के रसरा कस्बे के कोटवारी मोड़ पर आक्रोशित भीड़ ने दौड़ा- दौड़ा कर पीटा,
रसड़ा के कोटवारी मोड़ पर चाचा भतीजे की के जमीन विवाद में पुलिस की एक तरफा कार्यवाही , का आरोप लगाकर जाम लगाकर आवागमन बाधित किए थे,
उसी समय एस एस पी मय पुलिस बल पहुंचे और भीड़ हटाने की गुजारिश करने लगे तभी भीड़ के लोगों ने पुलिस पर एक तरफा कार्यवाही और एक युवक की बेतरतीब पिटाई का आरोप लगाकर दौड़ा - दौड़ाकर पीटना शुरू कर दिया,
पुलिस कर्मियों ने भागकर जान बचाई,
जो भी हो, जनता को कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए.....
Comments
Post a Comment