बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर और वर्तमान भारतीय समाज बाबा साहब समाज में सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों के सबसे बड़े पुरोधा माने जाते हैं। उनका जीवन संघर्ष व दलितों के अधिकारों के लिए समर्पण और भारतीय संविधान में उनके योगदान ने उन्हें सामाजिक क्रांति का सिम्बल बना दिया है। वर्तमान भारतीय राजनीति में उनका नाम अक्सर उद्धृत किया जाता है, परन्तु क्या आज की राजनीति उनके विचारों के अनुरूप चल रही है? क्या जातिवाद अब भी भारतीय समाज की जड़ में है? आइए इस पर एक स्वस्थ विमर्श करें. .. 1. बाबा साहब अम्बेडकर के विचार और उनका महत्त्व जाति व्यवस्था पर उनका दृष्टिकोण 'एनिहिलेशन ऑफ कास्ट' का विश्लेषण भारतीय संविधान में सामाजिक समानता का समावेश आरक्षण नीति की अवधारणा 2. वर्तमान भारतीय राजनीति में अम्बेडकर के विचारों की प्रासंगिकता राजनीतिक दलों द्वारा अम्बेडकर का प्रतीकात्मक प्रयोग सामाजिक न्याय बनाम चुनावी राजनीति आरक्षण की राजनीति और उसका दुरुपयोग दलित नेतृत्व का उदय और उसकी सीमाएँ 3. जातिवाद: आज भी जीवित और प्रबल आधुनिक भारत में जातिवाद के नए रूप शिक्षा, नौकरियों और न्याय व्यवस्था ...
This Image is Women reservation . Union Law Minister Sir Arjun Ram Meghwal ANI नारी शक्ति वंदन विधेयक एक पोस्ट डेटेड बिल - Women reservation Bill (महिला आरक्षण अधिनियम ) की राह आसान नहीं है, नारी शक्ति वंदन अधिनियम, नारी शक्ति वंदन कम ,नारी शक्ति वंचन अधिनियम अधिक है - नारी शक्ति वंदन अधिनियम - वर्तमान सरकार ने बुलाए गए संसद क विशेष सत्र में निस्संदेह दो ऐतिहासिक कार्य किए पहला भारत की प्रगति तथा समृध्दि व राजनैतिक परिपक्वता का साक्षी अब पुरातन संसद भवन का परित्याग कर वैभवशाली व विकास के प्रतीक और गरिमामई नवीन संसद भवन में प्रवेश करने का यह वर्तमान अयास इतिहास में दर्ज हुआ | दूसरा नारी शक्ति वंदन अधिनियम को टेबल करना सरकार का साहसिक और वंदनीय कदम है | Women reservation Bill (महिला आरक्षण अधिनियम ) बनाम नारी शक्ति वंदन अधिनियम - इस आधिनियम को ऐतिहासिक कहने से पहले हमें इतिहास में झांकना होगा स्वतंत्रता के पश्चात से ही महिलाओं को शासन में विशेष आरक्षण के तहत हिस्सेदार ब...