बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर और वर्तमान भारतीय समाज बाबा साहब समाज में सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों के सबसे बड़े पुरोधा माने जाते हैं। उनका जीवन संघर्ष व दलितों के अधिकारों के लिए समर्पण और भारतीय संविधान में उनके योगदान ने उन्हें सामाजिक क्रांति का सिम्बल बना दिया है। वर्तमान भारतीय राजनीति में उनका नाम अक्सर उद्धृत किया जाता है, परन्तु क्या आज की राजनीति उनके विचारों के अनुरूप चल रही है? क्या जातिवाद अब भी भारतीय समाज की जड़ में है? आइए इस पर एक स्वस्थ विमर्श करें. .. 1. बाबा साहब अम्बेडकर के विचार और उनका महत्त्व जाति व्यवस्था पर उनका दृष्टिकोण 'एनिहिलेशन ऑफ कास्ट' का विश्लेषण भारतीय संविधान में सामाजिक समानता का समावेश आरक्षण नीति की अवधारणा 2. वर्तमान भारतीय राजनीति में अम्बेडकर के विचारों की प्रासंगिकता राजनीतिक दलों द्वारा अम्बेडकर का प्रतीकात्मक प्रयोग सामाजिक न्याय बनाम चुनावी राजनीति आरक्षण की राजनीति और उसका दुरुपयोग दलित नेतृत्व का उदय और उसकी सीमाएँ 3. जातिवाद: आज भी जीवित और प्रबल आधुनिक भारत में जातिवाद के नए रूप शिक्षा, नौकरियों और न्याय व्यवस्था ...
किसान उत्पादन संगठन - सहकारी खेती को रफ़्तार देने और किसानों के लाभ( हितों )की वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सरकार ने किसान उत्पादन संगठन को बढ़ावा दिया है | किसान उत्पादन संगठन के माध्यम से 300 या 300 से अधिक संख्या में किसान मिलकर खेती करते हैं | लाभ के बराबर के हकदार होते हैं | किसान उत्पादन संगठन कैसे बनाएं (FPO) किसान उत्पादन संगठन (Farmers Producer Organization)बनाने के लिए सबसे पहले कुछ किसानों को सहमत होना होता है, संगठन के गठन हेतु तत्पश्चात | संगठन के किसानों के बीच से ही आम सहमति से कम से कम (minimum)पांच किसानों को निदेशक (Director) नियुक्ति के लिए प्रस्ताव रखा जाता है | सब किसनों की सहमति से उन पांच किसानों (Farmers) को बोर्ड आफ डायरेक्टर (Director of Board) मान लिया जाता है| बाकी न्यूनतम 300 किसान संगठन के सदस्य के रूप में संलग्न रहेंगे | FPO एफपीओ गठन की विधिक प्रक्रिया - एफपीओ के संगठन में कुछ मानकों को पूर्ण करना आवश्यक होता है | जैसे - संगठन का सहकारी समिति (cooperative ) अथवा प्रोड्यूसर्स कम्पनी (Producers com...