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शिक्षकों स्थिति और मुर्गे की कहानी

 शिक्षक और परिवर्तन की मिशाल  शिक्षक को परिवर्तन के लिए जाना जाता है। समाज में महत्वपूर्ण परिवर्तन तथा सुधारों के प्रतीक हैं,  शिक्षक |  अब उन शिक्षकों को एक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करनी है , जिनकी सेवा 6 अथवा 8 वर्ष है , हां उन्हें पास करना भी चाहिए क्योंकि वे राष्ट्र निर्माण की नर्सरी तैयार कर रहे हैं।  परन्तु क्या ऐसी परीक्षा जिसमें पिता और पुत्र एक साथ बैठ कर परीक्षा दें |  उसके लिए अतिरिक्त समय , तैयारी और  पुनः समायोजित तैयारी की जरुरत होगी |         सरकारी शिक्षकों का दायित्व  एक सरकारी शिक्षक को  , बाल गणना , जनगणना , मकान गणना , बाढ़ नियंत्रण,  बी एलओ,  सफाई , एमडीएमए ,चुनाव  और भी बहुत कुछ तब जा कर मूल दायित्व बच्चों को गढ़ कर नागरिक बनाना | मुर्गे की कहानी और शिक्षक  जो समस्याएं आती हैं उनकी पटकथा और पृष्ठभूमि होती है। अनायास एक दिन में समस्याएं नहीं आ जाती. .. एक लोक कथा याद आ गई. . एक शानदार मुर्गा था कलंगीदार मस्तक , चमकीले पंख , चमकदार आंखे , मांसल  पैर और वजनदार शरीर  अर्...

निजीकरण को जायज ठहराने का कुतर्क ....

निजीकरण सरकार की विवशता है अथवा निकम्मापन कुछ समझ में नहीं आ रहा है, रेल का निजीकरण, भेल का निजीकरण, तेल का निजीकरण, जेल का निजीकरण जितने सार्वजनिक प्रतिष्ठान है सबका निजीकरण करती जा रही है सरकार समूचा संवैधानिक ढ़ाचा  सरकार की विवशता अथवा सनकीपने की भेंट चढता जा रहा है, जनता त्रस्त है ..  अगर सार्वजनिक उपक्रम घाटे के सौदे है, तो पूंजीपति मुंह बाए खरीदने को क्यों तैयार है ं..  आइये कुछ प्रतिष्ठानों के सार्वजनिक से निजी होने के पार्श्व प्रभावों (side effects) के बारे में समझें रेलवे-...आज तक हम पढ़ते आए हैं कि भारत का रेल प्रतिष्ठान सबसे समृद्ध प्रतिष्ठान है अगर सरकार ईमानदार हो तो सोने की रेलवे लाइन बिछाई जा सकती है,  यात्रियों की बात करें तो उच्च वर्ग से लेकर मध्यमवर्गीय व निम्न वर्ग के लोग भी रेल में आसानी से सफर कर लेते हैं,  परन्तु निजी रेल का में सुविधाएं पंचसितारा, परन्तु किराया हवाई सफर का इससे धनाढ्य वर्ग पर क्या फर्क पड़ता है,  चिकित्सा--- सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं  इतनी सस्ती की कोई भी आसानी से प्राप्त कर ले और बढ...