स्कूल" स्कूलों का मर्जर : वंचितों से छीनी जा रही है शिक्षा की आखिरी उम्मीद — एक सामाजिक, शैक्षिक और नैतिक समीक्षा "शिक्षा एक शस्त्र है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं" — नेल्सन मंडेला। लेकिन क्या हो जब वह शस्त्र वंचितों के हाथ से छीन लिया जाए? उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) की नीति न केवल शिक्षा का ढांचा बदल रही है, बल्कि उन बच्चों की उम्मीदों को भी कुचल रही है जिनके पास स्कूल ही एकमात्र रोशनी की किरण था। 1. मर्जर की वजहें – प्रशासनिक या जनविरोधी? amazon क्लिक करे और खरीदें सरकार यह कहती है कि बच्चों की कम संख्या वाले विद्यालयों का विलय करना व्यावसायिक और प्रशासनिक दृष्टि से उचित है। पर यह सवाल अनुत्तरित है कि – क्या विद्यालय में छात्र कम इसलिए हैं क्योंकि बच्चों की संख्या कम है, या इसलिए क्योंकि व्यवस्थाएं और भरोसा दोनों टूट चुके हैं? शिक्षक अनुपात, अधूरी भर्तियाँ, स्कूलों की बदहाली और गैर-शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की नियुक्ति — क्या यह स्वयं सरकार की नीति की विफलता नहीं है? 2. गांवों के बच्चों के लिए स्कूल ...
किसान खेती-बाड़ी के साथ- साथ मत्स्य पालन, कुक्कुट पालन और पशुपालन भी करता है, जिससे उसकी आय बढ़ती है, पशुपालन भी दो प्रकार का एक दुधारू पशुओं का पालन (गाय, भैंस,बकरी,🐫 ) तथा मांस की बढ़ती मांग को देखते हुए किसान, बकरी, भेड़, सुअर इत्यादि का पालन करके मोटी आय कर रहा है ! लेकिन इसमें रुकावट बन रही है पूंजी जिसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की तर्ज पर पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना लांच की है!
जिसमें कोई भी किसान १.५० हजार (डेढ़ लाख) तक बिना गारंटी के ॠण प्राप्त कर सकता है, जो सात प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज दर पर मिलेगा, जिसको समय पर जमा करने पर (अधिकतम तीन लाख तक)ब्याज दर में तीन प्रतिशत (50%) वापसी है!
आशा है इस योजना का लाभ अधिकांश किसान सरलता से प्राप्त कर सकते हैं!
कैसे करें आवेदन---
पशु किसान क्रेडिट कार्ड के लिए पशुपालन विभाग से सम्पर्क करे आधार, फोटो और अपने आवासीय पता के दस्तावेजों के साथ..
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