डड़कटवा के विरासत जब सावन आवेला त रोपनी आ खेती जमक जाले , लोग भोरही फरसा (फावड़ा) लेके खेत के हजामत बनावे चल दे ला , ओहमें कुछ लोग स्वभाव से नीच आ हजामत में उच्च कोटि के होला ओहके डड़कटवा (खेत का मेड़ काट कर खेत बढाने की नाजायज चेष्टा रखने वाला व्यक्ति )के नाम से जानल जाला .. डड़कटवा हर गांव में लगभग हर घर में पावल जाले , डड़कटवा किस्म के लोग कई पुहुत (पुश्त) तक एह कला के बिसरे ना देलन , कारण इ होला की उनकर उत्थान -पतन ओही एक फीट जमीन में फंसल रहेला , डड़कटवा लोग एह कला के सहेज (संरक्षित ) करे में सगरो जिनिगी खपा देलें आ आवे वाली अपनी अगली पीढ़ी के भी जाने अनजाने में सीखा देबेलें , डड़कटवा के डाड़ (खेत का मेड़) काट के जेवन विजय के अनुभूति होखे ले , ठीक ओइसने जेइसन पढ़ाकू लइका के केवनो परीक्षा के परिणाम आवे पर पास होइला पर खुशी होखे ले | कुल मिला के जीवन भर डाड़ काट के ओह व्यक्ति की नीचता के संजीवनी मिलेले आ ओकर आत्मा तृप्त हो जाले बाकी ओके भ्रम रहेला की खेत बढ़ गईल , काहे की ,एकगो कहाउत कहल जाले की...
विश्वास जताया बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री डा सतीश चंद्र द्विवेदी ने,सरकारी स्कूल के गुरु जी को सिखाएगी 16 संस्थाएं, और गुणवत्ता सुधारेंगी
परिषदीय स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए 16 संस्थाओं से हुआ करार: सतीश चंद्र द्विवेदी
परिषदीय स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए 16 संस्थाओं से हुआ करार: सतीश चंद्र द्विवेदी
प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणबत्ता को बढ़ाने, ऑनलाइन और डिजिटल एजुकेशन और शिक्षकों को शिक्षा की नई तकनीक व नवाचार का प्रशिक्षण देने के लिए देश और प्रदेश की 16 प्रमुख़ संस्थाएं निशुल्क सहयोग करेंगी। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी की मौजूदगी में बृहस्पतिवार को इन संस्थाओं से स्वैच्छिक एमओयू किया गया।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि अभी ये संस्थाएं प्रदेश के 72 जिलों काम कर रही हैं। इनके 400 से अधिक सदस्य जिला और विकास खंड स्तर पर सहयोग दे रहे हैं। कार्यक्रम में प्रस्तुतीकरण के एमओयू करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने प्रदेश के स्कूलों में किए जा रहे कार्यों और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए किये जा रहे काम के बारे में भी विस्तृत रूप से बताया। संस्थाओं से हुए एमओयू के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा इन्हें पूरा सहयोग किया जाएगा। जिलों या विकास खंड में आने बाली समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
Comments
Post a Comment