स्कूल" स्कूलों का मर्जर : वंचितों से छीनी जा रही है शिक्षा की आखिरी उम्मीद — एक सामाजिक, शैक्षिक और नैतिक समीक्षा "शिक्षा एक शस्त्र है जिससे आप दुनिया को बदल सकते हैं" — नेल्सन मंडेला। लेकिन क्या हो जब वह शस्त्र वंचितों के हाथ से छीन लिया जाए? उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के मर्जर (विलय) की नीति न केवल शिक्षा का ढांचा बदल रही है, बल्कि उन बच्चों की उम्मीदों को भी कुचल रही है जिनके पास स्कूल ही एकमात्र रोशनी की किरण था। 1. मर्जर की वजहें – प्रशासनिक या जनविरोधी? amazon क्लिक करे और खरीदें सरकार यह कहती है कि बच्चों की कम संख्या वाले विद्यालयों का विलय करना व्यावसायिक और प्रशासनिक दृष्टि से उचित है। पर यह सवाल अनुत्तरित है कि – क्या विद्यालय में छात्र कम इसलिए हैं क्योंकि बच्चों की संख्या कम है, या इसलिए क्योंकि व्यवस्थाएं और भरोसा दोनों टूट चुके हैं? शिक्षक अनुपात, अधूरी भर्तियाँ, स्कूलों की बदहाली और गैर-शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की नियुक्ति — क्या यह स्वयं सरकार की नीति की विफलता नहीं है? 2. गांवों के बच्चों के लिए स्कूल ...
विश्वास जताया बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री डा सतीश चंद्र द्विवेदी ने,सरकारी स्कूल के गुरु जी को सिखाएगी 16 संस्थाएं, और गुणवत्ता सुधारेंगी
परिषदीय स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए 16 संस्थाओं से हुआ करार: सतीश चंद्र द्विवेदी
परिषदीय स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता में सुधार के लिए 16 संस्थाओं से हुआ करार: सतीश चंद्र द्विवेदी
प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणबत्ता को बढ़ाने, ऑनलाइन और डिजिटल एजुकेशन और शिक्षकों को शिक्षा की नई तकनीक व नवाचार का प्रशिक्षण देने के लिए देश और प्रदेश की 16 प्रमुख़ संस्थाएं निशुल्क सहयोग करेंगी। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी की मौजूदगी में बृहस्पतिवार को इन संस्थाओं से स्वैच्छिक एमओयू किया गया।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि अभी ये संस्थाएं प्रदेश के 72 जिलों काम कर रही हैं। इनके 400 से अधिक सदस्य जिला और विकास खंड स्तर पर सहयोग दे रहे हैं। कार्यक्रम में प्रस्तुतीकरण के एमओयू करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने प्रदेश के स्कूलों में किए जा रहे कार्यों और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए किये जा रहे काम के बारे में भी विस्तृत रूप से बताया। संस्थाओं से हुए एमओयू के बाद बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा इन्हें पूरा सहयोग किया जाएगा। जिलों या विकास खंड में आने बाली समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
Comments
Post a Comment