शिक्षक और परिवर्तन की मिशाल शिक्षक को परिवर्तन के लिए जाना जाता है। समाज में महत्वपूर्ण परिवर्तन तथा सुधारों के प्रतीक हैं, शिक्षक | अब उन शिक्षकों को एक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करनी है , जिनकी सेवा 6 अथवा 8 वर्ष है , हां उन्हें पास करना भी चाहिए क्योंकि वे राष्ट्र निर्माण की नर्सरी तैयार कर रहे हैं। परन्तु क्या ऐसी परीक्षा जिसमें पिता और पुत्र एक साथ बैठ कर परीक्षा दें | उसके लिए अतिरिक्त समय , तैयारी और पुनः समायोजित तैयारी की जरुरत होगी | सरकारी शिक्षकों का दायित्व एक सरकारी शिक्षक को , बाल गणना , जनगणना , मकान गणना , बाढ़ नियंत्रण, बी एलओ, सफाई , एमडीएमए ,चुनाव और भी बहुत कुछ तब जा कर मूल दायित्व बच्चों को गढ़ कर नागरिक बनाना | मुर्गे की कहानी और शिक्षक जो समस्याएं आती हैं उनकी पटकथा और पृष्ठभूमि होती है। अनायास एक दिन में समस्याएं नहीं आ जाती. .. एक लोक कथा याद आ गई. . एक शानदार मुर्गा था कलंगीदार मस्तक , चमकीले पंख , चमकदार आंखे , मांसल पैर और वजनदार शरीर अर्...
परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत गुरु जी के नियुक्ति से लेकर उनके पदास्थपन, स्थानांतरण ,से लेकर उनके पर्यवेक्षण -निरीक्षण तथा वेतन का सारा जिम्मा बी एस ए साहब का है, नियुक्ति के समय गुरु जी के नियुक्ति के समस्त योग्यताप्रदायि दस्तावेज निरीक्षण का दायित्व भी बीएसए साहब द्वारा अधिकृत टीम को ही होता है! परन्तु इनकी मिलीभगत से ये फर्जी शिक्षक केवल नियुक्त ही नहीं होते वरन वेतन भी आहरित करते रहते हैं, जिससे योग्य लोगों का हक मारा जाता है तथा अयोग्य के हाथ में शिक्षा व्यवस्था होने से पूरी शिक्षा व्यवस्था का बंटाधार हो जाता है! जिसका पूरा दायित्व बीएसए साहब का ही है, तो क्यों न एफआईआर बीएसए साहब पर ही हो ताकि लाभ वो लिए है तो उसका खामियाजा भी साहब भुगतें ताकि आगे से ऐसी गलती न हो.... आप अपनी प्रतिक्रिया कमेंट बॉक्स में दें...